मेंबर बनें
डार्क मोड
मेंबर बनें
मेंबर्स के लिए
न्यूज
राजनीति
नजरिया
नहीं रहे परवेज मुशर्रफ
संविधान को जानिए
आम बजट 2023
दरकते पहाड़
स्पेशल प्रोजेक्ट
और देखें
CLICK करके देखो
फोटो
वेबकूफ
बिजनेस
दुनिया
स्पोर्ट्स
एंटरटेनमेंट
वीडियो
कुंजी
My रिपोर्ट
शिक्षा
फिट हिंदी
पॉडकास्ट
डार्क मोड
Become a Q-Insider
होम
न्यूज
वीडियो
बिजनेस
स्पोर्ट्स
एंटरटेनमेंट
नजरिया
पॉडकास्ट
कुंजी
खुल्लम खुल्ला
सड्डा हक
शिक्षा
तस्वीरें
लाइफस्टाइल
दुनिया
और देखें
स्पेशल प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करें
Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019
हमें फॉलो करें
हमारे बारे में
संपर्क करें
गोपनीयता नीति
Home
Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019
एम.ए. समीर
एम.ए. समीर
‘ये इश्क नहीं आसां...’ जैसे सुपरहिट शेर लिखने वाले जिगर मुरादाबादी
माखनलाल चतुर्वेदी ने लिखा था- पुलिस,वजीर सब किसान की कमाई का खेल
ADVERTISEMENT
आगा हश्र कश्मीरी:’उर्दू का शेक्सपियर’ जिसके मंटो और इकबाल थे मुरीद
केदारनाथ अग्रवाल: किसान को चाहने वाला अनोखा कवि
सर सैयद अहमद खां:आधुनिक शिक्षा आंदोलन को गति देने वाली शख्सियत
महादेवी वर्मा: ‘’हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’’
खुशवंत सिंह: ऊपर से बेबाक-बिंदास, अंदर भरा था जमाने का दर्द
व्यंग्य को ‘गंभीर’ मानने वाले जनमेजय- ‘रेल को माता मानना चाहिए’
नरेंद्र शर्मा: यूसुफ को ‘दिलीप कुमार’ बनाने वाले कवि, लेखक, गीतकार
‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ गीत लिखने वाले योगेश की कहानी
अमरनाथ झा: 24 की उम्र में लंदन पोएट्री सोसाइटी,हिंदी के लिए संघर्ष
‘अमर चित्रकथा’ में संस्कारी कहानियां पढ़ाने वाले अंकल पई की कहानी
‘ये इश्क नहीं आसां...’ जैसे सुपरहिट शेर लिखने वाले जिगर मुरादाबादी
माखनलाल चतुर्वेदी ने लिखा था- पुलिस,वजीर सब किसान की कमाई का खेल
आगा हश्र कश्मीरी:’उर्दू का शेक्सपियर’ जिसके मंटो और इकबाल थे मुरीद
केदारनाथ अग्रवाल: किसान को चाहने वाला अनोखा कवि
सर सैयद अहमद खां:आधुनिक शिक्षा आंदोलन को गति देने वाली शख्सियत
महादेवी वर्मा: ‘’हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’’
ADVERTISEMENT
खुशवंत सिंह: ऊपर से बेबाक-बिंदास, अंदर भरा था जमाने का दर्द
‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ गीत लिखने वाले योगेश की कहानी
व्यंग्य को ‘गंभीर’ मानने वाले जनमेजय- ‘रेल को माता मानना चाहिए’
नरेंद्र शर्मा: यूसुफ को ‘दिलीप कुमार’ बनाने वाले कवि, लेखक, गीतकार
अमरनाथ झा: 24 की उम्र में लंदन पोएट्री सोसाइटी,हिंदी के लिए संघर्ष
‘अमर चित्रकथा’ में संस्कारी कहानियां पढ़ाने वाले अंकल पई की कहानी
और लोड करें