रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यूक्रेन (Ukraine) को पूरी तरह तबाह करने के अपने अभियान में लगे हुए हैं. दुनिया इस युद्ध से एक हंसते खेलते मुल्क की बर्बादी देख रही है, लेकिन इसी बीच एक और संप्रभु मुल्क पर रूसी हमले का खतरा आ खड़ा हुआ है. यूक्रेन से सटे देश मोल्दोवा (Moldova) के कुछ हिस्सों में बमबारी की खबरें आने लगी हैं और आशंका जताई जाने लगी हैं कि पुतिन (Putin) के कुत्सित इरादे अब मोल्दोवा को लीलने की तैयारी कर रहे हैं.
ब्रिटिश अखबार टाइम्स ने तो बाकायदा रिपोर्ट प्रकाशित की है कि रूस से राष्ट्रपति पुतिन ने मोल्दोवा पर हमले के प्लान को अप्रूव कर दिया है. मोल्दोवा के हिस्से ट्रांसनिस्ट्रिया (Transnistria) की सेना ने भी इस बारे में चिंतनीय बयान दिए हैं. बकौल सेना प्रतिनिधि 27 अप्रैल को मोल्दोवा के ऊपर ड्रोन विमान देखे गए और एक अज्ञात सोर्स की ओर से गोलीबारी भी की गई. इस हमले से रूसी भाषा में प्रसारण करने वाले दो रेडियो टावर नष्ट हो गए हैं. यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि ट्रांसनिस्ट्रिया में घुसने का बहाना ढूंढ रही रूसी सेना (Russian army) ने ही इन विस्फोटों को कराया है.
यूक्रेन, मोल्दोवा को एक चश्मे से देखते पुतिन
मोल्दोवा पर रूस के आक्रमण (Russia attack Moldova) की एक वजह यह बन सकती है कि व्लादिमिर पुतिन उसे और यूक्रेन के मामले को एक जैसा मानते हैं. यूक्रेन के ईस्ट में डोनबास (Donbas) है. 2014 से यूक्रेन के लुहान्स्क और दोनेश्क इलाकों पर रूस का समर्थन वाले अलगाववादियों का नियंत्रण है. इसी साल फरवरी में रूस ने दोनों इलाकों की आजादी को मान्यता दे दी. यूक्रेन पर यह आरोप लगाते हुए हमला किया कि वह डोनबास में नरसंहार कर रहा है और वहां रूसी-भाषी लोगों की हत्या की जा रही है. यही आरोप रूस मोल्दोवा पर भी लगा रहा है. उसका कहना है कि रूसी आबादी के बाहुल्य वाले इलाके ट्रांसनिस्ट्रिया में मोल्दोवा की सेना नरसंहार कर रही है.
EU के नाम से ही भड़क जाते हैं पुतिन
मोल्दोवा ने पूर्व में सोवियत यूनियन (Soviet Union) से जुड़े एक अन्य देश जॉर्जिया के साथ यूरोपीय संघ (European Union) की सदस्यता पाने के लिए आवेदन दिया है. इन दोनों देशों ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. इससे रूस निश्चित ही भड़का हुआ है. उसने अपनी सेना तो मैदान में उतार ही रखी है, वह मोल्दोवा में भी एक नया मोर्चा खोल सकता है. युद्ध से एक दिन पहले यूक्रेन ने भी कहा था कि जल्द से जल्द यूरोपीय संघ की सदस्यता पाना चाहता है और नतीजा ये कि उसके खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन शुरू हुआ.
अलजजीरा के मुताबिक मोल्दोवा के राष्ट्रपति माइया सैंडू ने खुद बयान देकर कहा कि बदलती दुनिया में अवसरों का लाभ उठाने के लिए कुछ निर्णायक फैसले तेजी से करने होते हैं. यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए उनके देश ने आवेदन किया है.
रूसियों के आक्रामक बयान
इस मामले में खुद रूस का रुख और उसके राजनेताओं के बयान काफी चिंतनीय दिख रहे हैं. मोल्दोवा के ट्रांसनिस्ट्रिया क्षेत्र में हाल में हुए विस्फोटों के बाद इस बारे में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, कि- मोल्दोवा को अपने आने वाले समय के बारे में चिंता करनी चाहिए, उसे जबरदस्ती नाटो में खींचा जा रहा है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने भी बयान दिया था कि मोल्दोवा से आने वाली खबरें चिंताजनक हैं. इस पर रूस संजीदगी से सोच रहा है.
...तो क्या 9 मई को होने वाला है हमला
ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस हाल ही में भविष्यवाणी कर चुके हैं कि रूस विजय दिवस के दिन युद्ध के और नए फ्रंट खोल देगा. यूक्रेन के हमले की तीव्रता बढ़ाने के लिए वो 9 मई की परेड में इस जंंग को पूरी दुनिया के खिलाफ बता सकते हैं. वालेस ने एलबीसी रेडियो को बताया, कि पुतिन इस दिन रूस का विराेध करने वाले हर मुल्क को नाजी बताकर उनके खिलाफ युद्ध की घोषणा कर सकते हैं. वह बाकी सभी देशों को हिटलर का पैरोकार बताकर उन पर सोवियत रूस की जीत का आव्हान कर सकते हैं. वह शायद 9 मई के विक्ट्री डे के दिन कहेंगे कि अब हम दुनिया के सारे नाजियों के साथ युद्ध लड़ रहे हैं और ऐसे में दुनिया भर के रशियंंस को एकजुट हो जाना चाहिए.
वालेस के अलावा और भी विश्लेषक कह रहे हैं कि पुतिन की यूक्रेन से युद्ध के मैदान पर प्रगति उनकी उम्मीद से कम है तो ऐसे में रूस आक्रामकता से अन्य क्षेत्रों की ओर आगे बढ़ने की कोशिश कर सकता है. तो हो सकता है कि पुतिन यूक्रेन फ्रंट पर अपनी नाकामी को दबाने के लिए एक छोटे से देश पर कब्जा करके शेखी बघारें.
पुतिन का दोस्त जानता है उनका खतरनाक प्लान
रूस के सहयोगी देश बेलारूस के राष्ट्रपति और पुतिन के करीबी अलेक्जेंडर लुकाशेंको की अपने अधिकारियों के साथ हुई बातचीत का एक अंश लीक होने से इस आशंका को बल मिला है. इसमें वे रूस के अगले प्लान का जिक्र करते हुए बता रहे हैं कि यूक्रेन के बाद रूस का अगला टारगेट मोल्दोवा होगा.
डेली मेल ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है कि लुकाशेंको अपनी सुरक्षा परिषद के अधिकारियों के साथ मीटिंग में बैटल मैप के माध्यम से रूस के आक्रमण का डिटेल समझा रहे थे, इसी दौरान उन्हेांने रूस द्वारा मोल्दोवा पर हमले की बात कही. अलेक्जेंडर लुकाशेंको रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफी करीबी हैं और यूक्रेन हमले के दौरान बराबर रूस का साथ दे रहे हैं. इस बात की काफी संभावना है कि वह पुतिन के अगले प्लान को जानते हों. उनकी इस मीटिंग की एक तस्वीर भी वायरल है जिसमें लुकाशेंको बैटल मैप में मोल्दोवा को छड़ी से दिखा रहे हैं.
क्या लड़ सकेगा मोल्दोवा?
इस प्रश्न का जवाब है कि सवाल ही नहीं उठता. रूस की एक टुकड़ी ही उसे जीतकर अपने अधीन कर सकती है. मोल्दोवा के पास लगभग तीन हजार सैनिकों की फौज, 3 एयरक्राफ्ट, 10 टैंक हैं. फाइटर जेट तो एक भी नहीं है. उसकी तुलना में रशिया के पास 8 लाख एक्टिव सैनिक, लगभग 1500 एडवांस लड़ाकू विमान, 4100 एयरक्राफ्ट और 13 हजार के आसपास टैंक की ताकत है.
मोल्दोवा NATO का सदस्य देश नहीं है. इसलिए अगर रशिया, वहां अपनी सेना भेजता है तो NATO देश यूक्रेन की तरह उसे भी रूस से पिटने के लिए खाली हाथ छोड़ देंगे. पर जंग के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि यूक्रेन से लड़ाई से पहले भी कुछ ऐसी ही बातें की जा रही थीं कि दो दिनों में रूस कीव को जीत लेगा, पर अभी तक तो ऐसा होता नहीं दिख रहा.
आधा मोल्दोवा तो वैसे ही जीता मानें
ट्रांसनिस्ट्रिया मोल्दोवा से अलग हुआ एक अलग इलाका है, जो है तो इसी देश का अंग पर एक स्वतंत्र देश की तरह है. यहां की अलग सरकार है, अलग संसद है और अपनी अलग सेना है. यहां रूसियों की संख्या मोल्दोवन से अधिक है और इसे रशिया समर्थित अलगाववादियों का गढ़ माना जाता है. यहां 2 हजार रशियन सैनिक पहले से ही तैनात हैं. इसके अलावा एक हजार से अधिक सैनिक पीसकीपिंग बल के तौर पर तैनात हैं. मतलब ये कि मोल्दोवा के इस हिस्से को तो वैसे ही रूस द्वारा जीता मानें.
रूस के इरादे बड़े खतरनाक
पुतिन वर्ष 2000 से ही अखंड रूस बनाने के अपने सीक्रेट प्लान पर काम कर रहे हैं. 2008 में रूस ने जॉर्जिया के दो प्रांत अब-काजिया Abkhazia और साउथ ओसेटिया South Ossetia को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी. 2014 में क्राइमिया को अपने देश में मिला लिया. इस साल युद्ध छेड़ने से पहले यूक्रेन के Donstek और Luhansk को भी स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी और अब पुतिन अपना अगला टारगेट मोल्दोवा को बना सकते हैं.
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