बजट से पहले बीजेपी ने सरकार से शेयरों और इक्विटी फंड से होने वाली कमाई पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म करने या इसकी अवधि बढ़ा कर दो साल करने की मांग की है. साथ ही डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने की भी मांग की है. पार्टी का कहना है कि अगर सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स हटा दे तो शेयर बाजार में ज्यादा निवेश होगा.
बजट से पहले वित्त मंत्री और पीएमओ से अपनी चर्चा के दौरान बीजेपी नेताओं ने सरकार से उद्योग जगत की मांगों पर विचार करने की मांग की. साथ ही निवेश बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई. पार्टी के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने रॉयटर्स से कहा
LTCG टैक्स और DDT को लेकर निवेशकों में चिंता है. इस वजह से काफी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन बाहर चले जा रहे हैं. निवेशक इंडियन मार्केट के बजाय सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और लंदन में ट्रांजेक्शन कर रहे हैं.
लॉन्ग टर्म गेन्स टैक्स हटाने की मांग कर रहे हैं शेयर निवेशक
शेयर बाजार के निवेशक लगातार LTCG टैक्स और डीडीटी हटाने की मांग कर रहे हैं. अगर शेयर एक साल के अंदर बेचे जाते हैं तो 15 फीसदी टैक्स लगता है. एक साल के बाद 10 फीसदी टैक्स लगता है. वित्त वर्ष 2004-05 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने लॉन्ग कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म कर दिया था. लेकिन 2018-19 में मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे फिर से लागू कर दिया था. .
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स यानी DDT मुनाफा कमाने वाली उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो अपने निवेशकों को डिविडेंड यानी लाभांश देती है. यह कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ है.क्योंकि कंपनियों के मुनाफे पर पहले ही टैक्स लग चुका होता है. भारतीय कंपनियां इस वक्त 20 से 21 फीसदी का डिविडेंड टैक्स देती हैं.इसके अलावा अगर कंपनी की डिविडेंड इनकम प्रति वर्ष दस लाख रुपये से अधिक है तो अतिरिक्त दस फीसदी टैक्स लगता है.
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