क्विंट हिंदी आपके लिए लाया है स्पेशल सीरीज बजट की ABCD, जिसमें हम आपको बजट से जुड़े कठिन शब्दों को आसान भाषा में समझा रहे हैं. इस सीरीज में आज हम आपको बैंक रिकैपिटलाइजेशन के बारे में बताते हैं.
बैंक रिकैपिटलाइजेशन यानी आसान शब्दों में बैंकों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद. ये आर्थिक मदद इसलिए दी जा रही है ताकि खस्ताहाल सरकारी बैंकों को डूबने से बचाया जा सके.
![बैंकों के पूंजी भंडार को बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार के पास है](https://images.thequint.com/quint-hindi%2F2022-01%2Fa5f4ad78-1cbe-46c3-927e-0dfc20d49c73%2F2.png?auto=format%2Ccompress&fmt=webp&width=720)
बैंक रिकैपिटलाइजेशन प्रक्रिया
आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुपालन के साथ सरकार, जो कि इसकी सबसे बड़ी शेयरधारक भी होती है, नए शेयर खरीदकर या बांड जारी करके बैंकों में पूंजी का संचार करती है. आरबीआई के दिशानिर्देश बेसल मानदंडों पर आधारित हैं. इसमें बैंकों को निश्चित मात्रा में पूंजी भंडार बनाए रखने की आवश्यकता होती है.
![बैंकों के पूंजी भंडार को बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार के पास है](https://images.thequint.com/quint-hindi%2F2022-01%2F713f6638-9dcb-4e63-91c0-a49b93995323%2F3.png?auto=format%2Ccompress&fmt=webp&width=720)
रिकैपिटलाइजेशन से क्या फायदा?
![बैंकों के पूंजी भंडार को बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार के पास है](https://images.thequint.com/quint-hindi%2F2022-01%2F474e5a01-4674-472a-bd37-57482b965293%2F4.png?auto=format%2Ccompress&fmt=webp&width=720)
सबसे बड़ा फायदा यही है कि बैंकों के पास कर्ज बांटने के लिए ज्यादा पैसे उपलब्ध होंगे और फिर वो धीरे-धीरे बेहतर आर्थिक हालत में आ सकेंगे. बैंक कंगाल नहीं रहेंगे तो नया कारोबार शुरू करने या कारोबार बढ़ाने के लिए लोगों और कंपनियों को लोन मिल पाएगा.
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