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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का अभिभाषण, कोरोना से लेकर किसानों तक का जिक्र

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में भूमिका निभा रही है"

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संसद का बजट सत्र (Budget Session) आज यानि 31 जनवरी से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों को संबोधित करने के साथ शुरू हो गया.

राष्ट्रपति ने भाषण की शुरुआत में करोना महामारी का जिक्र किया "कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी का यह तीसरा वर्ष है"

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स्वतंत्रता सेनानियों को नमन

राष्ट्रपति ने भाषण के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और कहा,

"आज जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहा है, तब भारत की संकल्प शक्ति विश्वास पैदा करती है. मैं संसद के सेंट्रल हॉल से प्रत्येक भारतवासी का असीम अभिनंदन करता हूं. मैं आज संसद के सत्र में देश के लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसका अधिकार दिलाया."

उन्होंने आगे कहा, "भारत के इन 75 वर्षों में योगदान देने वाले सभी महानुभावों को भी मैं नमन करता हूं. सरकार ने इस वर्ष से गणतंत्र दिवस समारोह पर नेताजी की जयंती पर 23 जनवरी से ही मनाने की शुरुआत की है. मेरी सरकार मानती है कि अतीत को याद रखना तथा उससे सीख लेना देश के सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत जरूरी है."

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हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर का धन्यवाद

राष्ट्रपति ने भाषण के दौरान हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर का धन्यवाद किया,

"कोरोना के कठिन समय में चुनौतियों ने देशवासियों को अपने लक्ष्यों को जल्द से जल्द प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है. माननीय सदस्यगण, कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है और भारत में भी हमारे बहुत से अपनों को हमसे छीना है. इन परिस्थितियों में केंद्र से लेकर राज्यों तक हमारी सारी सरकारों स्थानीय शासन और प्रशासन डॉक्टर, नर्सेज और हेल्थ वर्कर, वैज्ञानिकों और उद्यमियों सभी ने एक टीम के रूप में काम किया है. सरकार और नागरिकों के बीच परस्पर विश्वास समन्वय और सहयोग लोकतंत्र की ताकत का भूतपूर्व उदाहरण है. इसके लिए मैं देश के हर हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर का धन्यवाद करता हूं."

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि "कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में भारत का सामर्थ्य वैक्सीनेशन प्रमाण में नजर आया है. हमने 1 साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा डोज लगाने का रिकॉर्ड प्राप्त किया. आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा डोज देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं. इस अभियान की सफलता ने देश को एक ऐसा रक्षा कवच दिया है. हमारे नागरिकों की सुरक्षा भी बढ़ी है और हमारा मनोबल भी बड़ा है. आज देश में 90% से अधिक व्यस्त नागरिकों को टीके की एक डोज मिल चुकी है जबकि 70% से अधिक लोग दोनों डोज ले चुके हैं."

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"घर-घर दस्तक अभियान के माध्यम से सरकार फागी लोगों तक भी पहुंच रही है. इसी माह वैक्सीनेशन प्रोग्राम में 15 से 18 वर्ष तक के किशोर किशोरियों को भी शामिल किया गया है. साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रिकॉशनरी डोज की भी शुरुआत की गई है. देश में कुल 8 वैक्सीन को इमरजेंसी स्वीकृति मिल चुकी है. भारत में बन रही वैक्सीन करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में भूमिका निभा रही है"

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