संसद के बजट सत्र के पहले दिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सदन में आर्थिक सर्वे पेश किया. सर्वे में यूनिवर्सिल बेसिक इनकम स्कीम की चर्चा की गई.
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम की देखरेख में तैयार किए गए इस सर्वे में गरीबी घटाने के लिए कई सारी योजनाओं के विकल्प के तौर पर यूनिवर्सिल बेसिक इनकम स्कीम को लाने पर चर्चा की गई.
भले ही इसे लागू करने के लिए सही वक्त ना हो लेकिन गंभीर चर्चा के लिए ये सही समय है.
पेश किए गए सर्वे के अनुमान के मुताबिक, 2017-18 में विकास दर 6.75 से 7.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है.
वहीं 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ सकती है. पिछले वित्त वर्ष में यह 7.6 प्रतिशत रही थी.
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इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक...
- चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.1 प्रतिशत रहेगी. 2015-16 में यह 1.2 प्रतिशत रही थी.
- वस्तु और सेवा कर से राजकोषीय लाभ मिलने में समय लगेगा.
- वित्त वर्ष 2016-17 में उद्योग क्षेत्र की विकास दर घटकर 5.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान. पिछले वित्त वर्ष में यह 7.4 प्रतिशत थी.
- कच्चे तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाते हैं, तो वैश्विक तेल के दाम बढ़ सकते हैं. हालांकि अगर कच्चे तेल की कीमत 65 से ऊपर चली जाती है, तो हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, कच्चे तेल के घटे दाम से अप्रत्याशित राजकोषीय लाभ की उम्मीद.
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ हुई.
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