देश में जल्द ही 5 जी (5G) सेवाएं शुरू होने वाली हैं. भारत सरकार ने एयरवेव आवंटित करने के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दे दी, जिससे उनके लिए निजी 5G नेटवर्क संचालित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार विभाग के एक स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
कैबिनेट से 5जी स्पेक्ट्रम के लिए मंजूरी मिलने के बाद 8 जुलाई से आवेदन शुरू हो जाएंगें. वहीं 26 जुलाई से नीलामी से शुरुआत हो जाएगी. 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार दूरसंचार सेवा देने वालों के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने के लिए जुलाई के अंत तक 20 साल की वैधता के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी.
इस नीलामी में देश की तीन प्रमुख कंपनिंया - वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के हिस्सा लेने की उम्मीद है. नीलामी (600 MhZ 700 MhZ, 800 MhZ, 900 MhZ 1800 MhZ, 2100 MhZ, 2300 MhZ, मिड (3300 MhZ) फ्रीकवेंसी बैंड के तहत स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी. स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 समान वार्षिक किश्तों में किया जा सकता है, जिसका भुगतान प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अग्रिम रूप से किया जाना है.
यह उम्मीद की जा रही है कि मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल दूरसंचार सेवा देने वालों के द्वारा गति और क्षमता प्रदान करने में सक्षम 5जी प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाओं को रोल-आउट करने के लिए किया जाएगा, जो वर्तमान 4जी की तुलना में करीब 10 गुना अधिक होगा.
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