क्या होता है Asset Allocation?
आज के दौर में क्या सिर्फ कमाना काफी है? नहीं. और कमाने के बाद निवेश ही काफी है? इसका जवाब भी न में है. धन की बात के इस एपिसोड में पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट गौरव मशरूवाला बता रहे हैं कि सिर्फ निवेश करना नहीं बल्कि सही तरीके और सही जगह निवेश करने से ही पैसा बढ़ता है.
हर Asset में लगाएं पैसा
अगर शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहे हों तो उसका ये मतलब कतई नहीं कि आप अपना सारा निवेश स्टॉक एक्सचेंज में ही करें. यही बात रियल एस्टेट या सोने पर भी लागू होती है. निवेश में बैलेंस बनाना सबसे जरूरी बात है. ताकि आपको न सिर्फ हर एसेट क्लास का फायदा मिल सके बल्कि गिरते हुए बाजारों में रिस्क भी कम हो.
मोटे तौर पर निवेश को चार हिस्सों में बांटा जा सकता है-
- इक्विटी यानी शेयर बाजार
- डेट यानी PPF या FD और दूसरे परंपरागत निवेश
- रियल एस्टेट
- गोल्ड
कम रिस्क और ज्यादा कमाई के लिए बेहतर होगा कि निवेश को चारों ही एसेट में डाला जाए. गौरव मशरूवाला कहते हैं कि जैसे एक मजबूत क्रिकेट टीम में बैट्समैन, बॉलर और फील्डर का कॉम्बिनेशन मौजूद होता है, वैसे ही बेहतरीन रिटर्न के लिए भी सही Asset Allocation जरूरी है.
आपके सवाल
हमारे दर्शक प्रदीप डोगरा ने बेंगलुरू से पूछा है:
SIP निवेश पर टैक्स जिम्मेदारी बनती है या नहीं? इसमें फायदे की हालत में क्या इसे रिटर्न में लिखा जाए और अगर नुकसान होता है तो क्या असर होगा?
गौरव मशरूवाला का जवाब- निवेश पर टैक्स नहीं लगता, जब आप अपना पैसा बाहर निकालते हैं तब लगता है. एक साल से पहले पैसा निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और एक साल के बाद निकालने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है.
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