सरकार ने कैश डिपोजिट (Cash Deposit/Withdrawal New Rules) और पैसों की निकासी के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं. 26 मई से अगर 20 लाख रुपये की नकदी से ज्यादा का लेन-देन होता है तो पैन कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (AADHAR Card) को जरूरी कर दिया गया है.
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि ऐसे कैश के लेन-देन को मॉनिटर किया जा सके जो ज्यादा है यानि 20 लाख रुपये से ज्यादा है. इससे सरकार लोगों द्वारा पैसों को जमा करना और पैसों को निकालने पर भी नजर रखेगी ताकि कोई कर चोरी ना कर पाए.
लेकिन इससे जुड़े क्या नियम-कायदें हैं, इसे डीटेल में समझते हैं.
कैश के लेन-देन को लेकर क्या हैं नए नियम?
नए नियमों के मुताबिक किसी वित्त वर्ष में किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में 20 लाख रुपये या इससे अधिक की नगदी जमा करने या निकालने पर पैन कार्ड और आधार कार्ड देना जरूरी होगा. इससे बिना पैन और आधार के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों पर सरकार नजर रख पाएगी और संबंधित एक्शन ले पाएगी.
नियमों के मुताबिक, बैंकों, पोस्ट ऑफिस और सहकारी समितियों को भी हर वित्तीय साल में एक रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें उन्हें बताना होगा कि कौन और कितने लोग 20 लाख रुपये या उससे अधिक का लेन-देन कर रहे हैं.
अभी तक, एक दिन में 50,000 रुपये या उससे अधिक की नकद राशि जमा करने के लिए पैन कार्ड देना जरूरी है.
नए नियमों से सरकार को क्या फायदा होगा?
सरकार द्वारा 20 लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन पर पैन कार्ड और आधार कार्ड को जरूरी किए जाने के फैसले से ट्रेसिंग आसान हो जाएगी. पूरे फाइनेंशियल सिस्टम में रुपयों का मूवमेंट सरकार की नजर में होगा.
एक्सप्रेस के अनुसार नांगिया एंड कंपनी एलएलपी पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि, “इससे टैक्स डिपार्टमेंट को कुछ कमियों को दूर करने में मदद मिल सकती है, जैसे कि जो लोग ज्यादा रुपयो में लेन देन करते हैं वे ये नहीं कह पाएंगे कि उनके पास पैन कार्ड नहीं है. खासकर कृषि से जुड़े लोग या वे लोग जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते. इससे पहले पैसों को निकालने के लिए पैन कार्ड देने की कोई जरूरत नहीं होती थी.
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