ADVERTISEMENTREMOVE AD

Share बाजार से 1 महीने में विदेशी ले गए 40,000 करोड़-न हों बेजार,करें जरा इंतजार

Share Market में मचे हाहाकार क्विंट से एक्सपर्ट-मार्केट को टाइम करने की बजाय मार्केट को टाइम दीजिए

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत में डॉलर के मुकाबले रुपया पिछड़ रहा है, दूसरी तरफ वैश्विक चिंताओं की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपना हाथ पीछे खींच रहे हैं. फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (FPI) लगातार बाजार अपना पैसा निकाल रहे हैं. 2012 के बाद से भारतीय बाजारों में मई में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली.

इस महीने सेंसेक्स और निफ्टी 5 फीसदी नीचे रहे. साथ ही विदेशी निवेशकों (FPI) ने करीब 40,000 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर से अधिक) के शेयर बेच दिए. इससे भारतीय बाजार के निवेशक चिंता में आ गए हैं और पूछ रहे हैं कि क्या शेयर मार्केट के अच्छे दिन आएंगे?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग और चीन में कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से कई देश महंगाई से जूझ रहे हैं और इससे लड़ने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने पहले मार्च में 0.25 फीसदी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की फिर मई में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जिसकी वजह से विदेशी निवेशक वापस अमेरिका की ओर आकर्षित हुए हैं. इसी वजह से वे लगातार भारतीय बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं.

इस बीच आरबीआई ने भी 4 मई को ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की घोषणा की जिसके बाद सेंसेक्स 4.8% गिर गया.

इंडियन एक्सप्रेस ने जब तीन इक्विटी निवेशकों से बात की तो पता लगा कि, एक महीने में उनका पोर्टफोलियो 10-20% नीचे गिर गया है. निवेशक निराश हो गए हैं और इंट्रा डे (हर दिन शेयर बाजार में ट्रेड करना) ट्रेडिंग में उतर गए हैं. हालांकि एक्सपर्ट इसे सही कदम नहीं मानते.

अब शेयर बाजार के अच्छे दिन कब आएंगे ये निवेशकों के बीच बड़ा सवाल बन गया है. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि-

अभी लंबे समय तक शेयर बाजार दबाव में रहने वाला है, एक तरफ विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं, दूसरी ओर रुपया डॉलर के मुताबिक अपनी मजबूती खो रहा है. फिर महांगाई की समस्या ने निर्माण करने वाली कंपनियों समेत कई कंपनियों के वर्किंग कैपिटल पर दबाव डाला है जिसकी वजह से इनके प्रॉफिट पर असर पड़ेगा और परिणाम साफतौर पर इनके गिरते शेयर्स पर दिखेगा. एक्सपर्ट का मानना है कि संभवत: अगले दो तिमाही तक यानि छह महीनों तक समस्या गंभीर बनी रहेगी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD
निवेशक बेसिक बातें ना भूलें कि, शॉर्ट टर्म में निवेश करने का यह अच्छा समय बिलकुल नहीं है. निवेश करें लेकिन लॉन्ग टर्म (3-5 साल) की प्लानिंग के साथ.

शेयर बाजार को लेकर एक्सपर्ट एडवाइस

पिछले एक महीने में कई निवेशकों के पोर्टफोलियो बिगड़े होंगे. इसकी वजह से उनकी चिंता तो जाहिर है लेकिन एक्सपर्ट कहते हैं कि उन्हें ये समझना चाहिए कि इक्विटी से आप हर महीने या कुछ महीनों के अंदर रिटर्न नहीं कमा सकते. इक्विटी में प्रॉफिट ज्यादा है तो रिस्क भी उतना उठाना पड़ता है. बड़ी साधारण सी बात है कि कम से कम 3-5 साल का इंतजार करें.

बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने क्विंट हिंदी को बताया कि,

दुनियाभर में शेयर मार्केट गिर रहे हैं और हाल के वातावरण में मार्केट को ढलने में समय लगेगा. इसलिए फिलहाल मार्केट में हो रही उथल-पुथल से पैसा कमाने की सोच रखने की बजाय मार्केट को थोड़ा समय देना चाहिए. बुरे दौर के बाद अच्छा दौर भी जरूर आता ही आता है. मार्केट को टाइम करने की बजाय मार्केट को टाइम दीजिए. इसलिए फिलहाल आपका पैसा जहां लगा हुआ है उसे वहीं लगे रहने दीजिए, मार्केट के स्थिर होने का इंतजार कीजिए.
Share Market में मचे हाहाकार क्विंट से एक्सपर्ट-मार्केट को टाइम करने की बजाय मार्केट को टाइम दीजिए

इसके अलावा शेयर बाजार के इतिहास पर नजर डालें तो पिछले 30 सालों में बाजार में कई बार उतार-चढ़ाव आएं हैं. हालात सुधरते ही अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और विदेशी निवेशकों की वापसी होगी जिसके बाद शेयर बाजार एक बार फिर चमकेंगे. तो...इंतजार करिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×