सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 25 फरवरी को सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि देश में बिटकॉइन (Bitcoin) अवैध है या नहीं. कोर्ट ने यह गेनबिटकॉइन घोटाले (GainBitcoin Scandal) के संबंध में पूछा जिसमें 87,000 बिटकॉइन की कथित धोखाधड़ी शामिल थी, जिसका मूल्य 20,000 करोड़ रुपए है.
हालांकि कोर्ट ने केंद्र को यह सवाल लिखित में नहीं पूछा है इसलिए केंद्रे इसका जवाब देगा या नहीं ये उस पर निर्भर करता है.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस घोटाले के एक आरोपी अजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की मांग की थी.
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'आपको (सरकार को) अपना स्टैंड (बिटकॉइन पर) स्पष्ट करना होगा कि बिटकॉइन अवैध है या नहीं.
जवाब में केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा, "वैधता यहां सवाल नहीं है. यह एक घोटाला है और वे आरोपी हैं. इसमें 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है."
बेंच ने आरोपी अजय भारद्वाज को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 4 सप्ताह के लिए जारी रखी है और अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी.
क्या था मामला?
बता दें कि अजय भारद्वाज गेनबिटकॉइन घोटाले के कथित मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज के भाई हैं. उन्हें मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में 3 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.
गेनबिटकॉइन के तहत एक स्कीम चलाई जा रही थी जिसमें 10 फीसदी रिटर्न का वादा किया था. बाद में एक मार्केटिंग घोटाले की साजिश रचने के साथ निवेशकों को उच्च रिटर्न के बदले बिटकॉइन देने का लालच दिया गया.
लेकिन अमित भारद्वाज अपने वादे को पूरा नहीं कर पाए और बाद में देश छोड़कर भाग गए थे. पुलिस ने उन्हें और सात अन्य को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया था. लेकिन अमित की पिछले महीने कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)