सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP इनवेस्टमेंट की दुनिया का सबसे हॉट टॉपिक है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है और यह सीधे शेयर बाजार की गुत्थियों को न समझ पाने वाले छोटे निवेशकों के लिए निवेश का बेहतरीन जरिया बन कर उभरा है. हम आपको यहां SIP से जुड़ी पांच चीजें बता रहे हैं, जिन्हें समझ कर आप SIP के जरिये निवेश की सुविधा देने वाले म्यूचुअल फंड स्कीमों में पैसा लगा कर अच्छी रकम हासिल कर सकते हैं.
क्या है SIP ?
सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) यानी SIP रेगुलर और एक निश्चत समय तक थोड़ा-थोड़ा निवेश करने का जरिया है. इसके जरिये आप म्यूचुअल फंड स्कीम में नियमित रूप से एक तय रकम जमा कर सकते हैं. ज्यादातर म्यूचुअल फंड SIP की सुविधा देते हैं.
SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में क्यों लगाएं पैसा?
दरअसल SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश एक अनुशासनात्मक तरीके से किया गया निवेश होता है. यह आपके शॉर्ट और लांग टर्म वित्तीय लक्ष्य के लिए मुफीद हो सकता है. जब आप SIP के जरिये म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में निवेश करते हैं तो आप फंड मैनेजर पर भरोसा करते हैं. ये फंड मैनेजर आपके पैसे को शेयरों या डेट फंड में लगाते हैं. इससे आप बाजार के उतार-चढ़ाव से काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं. क्योंकि फंड मैनेजर बाजार के एक्सपर्ट और प्रोफेशनल होते हैं. यह बाजार की गिरावट में आपको बचाता है और तेजी में आपको फायदा पहुंचाता है. इसलिए SIP के माध्यम से निवेश आसान और सुरक्षित है.
क्यों फायदेमंद है SIP ?
SIP से रिटर्न बढ़ता है. जब आप रेगुलर निवेश करते हैं तो मंदी में आपको ज्यादा यूनटिस मिलती है और तेजी में यूनिट्स घट जाती है. लेकिन ऐसे दौर में यूनिट की कीमत ज्यादा हो जाती है. इस तरह रिटर्न बढ़ता जाता है. और आप आखिर में बड़ी रकम के मालिक बन जाते हैं.
छोटी रकम से भी निवेश हो सकता है?
सिप 500 रुपये से भी हो सकता है. हर महीने आप 500 रुपये देकर म्यूचुअल फंड के यूनिट खरीद सकते हैं.
क्या SIP में हो सकता है चेंज?
मासिक के अलावा SIP दो महीने या 15 दिन में भी निवेश का मौका देते हैं. कई स्कीमों में सिप की अंतिम तारीख नहीं होती. जब आपका लक्ष्य पूरा हो जाता है. स्कीम अपने आप ही आपकी सिप बंद कर देती हैं. इसके अलावा आप फंड हाउस से बात कर आगे भी इसमें निवेश जारी रख सकते हैं.
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