अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल (Apple) का मार्केट कैप (Market cap) सोमवार 3 जनवरी को कारोबार के दौरान 3 अरब डॉलर ($3 Trillion) के पार पहुंच गया. कॉर्पोरेट के इतिहास में इस मुकाम तक पहुंचने वाली एप्पल दुनिया की पहली कंपनी बन गई है.
सोमवार को ट्रेडिंग के दौरान एप्पल के शेयरों की कीमत 182.86 डॉलर प्रति शेयर पहुंच गई थी जो बाद में 182.01 डॉलर प्रति शेयर पर बंद हुई.
सिर्फ 16 महीने में जोड़े 2 ट्रिलियन डॉलर
अगस्त 2018 में, एप्पल 1 ट्रिलियन डॉलर वैल्यू वाला पहला अमेरिकी कंपनी बना था, इस उपलब्धि तक पहुंचने में उसे 42 साल लगे. अब सिर्फ दो साल बाद एप्पल ने अपने मार्केट वैल्यू में 2 ट्रिलियन डॉलर और जोड़ लिए हैं. कंपनी को अगले 2 ट्रिलियन डॉलर जोड़ने में सिर्फ 16 महीने और 15 दिन लगे.
S&P डॉव जोन्स इंडेक्स में वैल्यूएशन पर नजर रखने वाले हॉवर्ड सिल्वरब्लैट के अनुसार, S&P 500 के कुल मूल्य में एप्पल का हिस्सा अब लगभग लगभग 7% है, जो 1984 में आईबीएम के 6.4% के रिकॉर्ड से उपर है. उन्होंने अनुसार, अकेले Apple सभी वैश्विक शेयर बाजारों के मूल्य का लगभग 3.3% है.
2007 से अब तक शेयरों में 5,800% की बढ़ोतरी
एप्पल को दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनाने में इसके कई प्रोडक्टस का बड़ा हाथ है. इसमें आईफोन्स, मैक बुक, एप्पल टीवी और एप्पल म्यूजिक जैसी सेवाएं शामिल हैं.
जनवरी 2007 में सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स के पहले iPhone लांच के बाद से Apple के शेयरों में लगभग 5,800% की वृद्धि हुई है. जॉब्स की मौत के बाद टिम कुक 2011 में कंपनी के CEO बने. इन्होंने एप्पल को वीडियो स्ट्रीमिंग और संगीत जैसी सेवाओं से मजबूत किया जिससे एप्पल के मार्केट वेल्यू में लगातार बढ़ोतरी होती रही.
वॉलमार्ट, डिजनी, नेटफ्लिक्स, नाइके, एक्सॉन मोबिल, कोका-कोला, कॉमकास्ट, मॉर्गन स्टेनली, मैकडॉनल्ड्स, एटीएंडटी, गोल्डमैन सैक्स, बोइंग, आईबीएम और फोर्ड जैसी दिग्गज कंपनियों को मिला दें तो भी एप्पल का मार्केट कैप इनसे ज्यादा है.
आपको बता दें कि एप्पल का मार्केट कैप भारत की कुल जीडीपी से भी ज्यादा है. वर्ल्ड बैंक के अनुसार भारत की GDP इस समय 2.62 लाख करोड़ है, जबकि एप्पल अकेले 3 लाख करोड़ की कंपनी बन चुका है.
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