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ऑटो स्लोडाउन का असर: नौकरी जाने के डर से इंजीनियर ने आत्मदाह किया

गाड़ियों की बिक्री घटने से ऑटो इंडस्ट्री में बेरोजगारी का खतरा काफी बढ़ गया है

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देश में गाड़ियों की बिक्री घटने का असर बड़ी ऑटो कंपनियों के साथ ही उसे पार्ट्स सप्लाई करने वाली छोटी कंपनियों पर भी पड़ रहा है. बड़ी कंपनियों में रुक-रुक प्रोडक्शन बंद होने की वजह से उन्हें पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनियों का काम भी मंदा पड़ रहा और वे भी अपने कर्मचारियों को बिठा रही हैं. गुरुवार को जमशेदपुर में टाटा मोटर्स को पार्ट्स सप्लाई करने वाली ऐसी ही एक कंपनी के जूनियर इंजीनियर ने नौकरी से हटाए जाने के डर से आग लगा कर खुदकुशी कर ली.

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एक महीने से घर में बैठा था इंजीनियर

स्थानीय मीडिया में छपी खबर के मुताबिक जूनियर इंजीनियर जमशेदपुर से सटे गोविंदपुर की इंपीरियर ऑटो इंडस्ट्री में नौकरी कर रहा था. लेकिन पिछले एक माह से उसे नौकरी से बिठा दिया गया था. टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर के कारण इंपीरियर ऑटो में कई कर्मचारियों को हटाया जा चुका है.

स्थानीय मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक इंपीरियर ऑटो इंडस्ट्री में काम करने वाले 20 साल के इंजीनियर प्रभात कुमार ने गुरुवार को पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया , जहां दो घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई.पिछले एक महीने  से कंपनी ने उसे बिठा रखा टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर के कारण इंपीरियर ऑटो में प्रभात के साथ अन्य कर्मचारियों को भी बिठाया गया था.
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ऑटो पार्ट्स कंपनियों पर बड़ा असर

ऑटो इंडस्ट्री की बिक्री में लगातार गिरावट हो रही है. गिरावट ऑटो सेक्टर के हर सेगमेंट में देखी जा रही है. इं‍ड‍ियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक पहली तिमाही में पैसेंजर व्हेकिल की बिक्री 18.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. कॉमर्शियल व्हेकिल सेगमेंट में 16.6 फीसदी की गिरावट आई है. टू व्हीलर्स की बिक्री में भी 11.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

पैसेंजर व्हेकिल के मामले में जून 2019 ऑटो इंडस्ट्री के लिए पिछले 18 साल की सबसे खराब तिमाही रही. बड़ी कंपनियों की खराब हालात का असर छोटी कंपनियों और पार्ट्स सप्लायर कंपनियों और उनमें रोजगार पर पड़ रहा है. कई कंपनियों ने छंटनी की है और कइयों ने प्रोडक्शन घटाने के फैसले बाद कर्मचारियों को घर में बैठने के लिए कहा है.

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