ADVERTISEMENTREMOVE AD

गाड़ियों की बिक्री पर ब्रेक-प्रोडक्शन घटाएगी महिंद्रा,टाटा मोटर्स

गाड़ियों की बिक्री घटने से इकोनॉमी के लिए भारी चिंता पैदा कर दी है. देश की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

ऑटो कंपनियों पर गाड़ियों की बिक्री घटने का असर बढ़ने लगा है. मांग न होने से महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने थोड़े दिनों के लिए प्रोडक्शन बंद करने का ऐलान किया है. महिंद्रा एंड महिंद्रा जुलाई-सितंबर तिमाही में आठ से चौदह दिनों तक प्रोडक्शन बंद रखेगी. वहीं टाटा मोटर्स ने भी अपने कुछ प्लांट्स में प्रोडक्शन बंद रखने की बात कही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

महिंद्रा दूसरी तिमाही में रखेगी प्रोडक्शन बंद

टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह डिमांड स्लोडाउन के हिसाब से प्रोडक्शन रोकने का फैसला करेगी.महिंद्रा एंड महिंद्रा ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया है कि महिंद्रा व्हेकिल मैन्यूफैक्चरर्स लिमिटेड वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अपने अलग-अलग प्लांट्स में कोई प्रोडक्शन नहीं करेगी.

टाटा मोटर्स ने कहा है कि घरेलू मांग घटने के साथ ग्लोबल मार्केट की भी स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में कंपनी ने डिमांड के हिसाब से प्रोडक्शन का फैसला किया है. साथ ही कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के शिफ्ट एडजस्ट किए हैं. इससे पहले टाटा मोटर्स ने जुलाई में पंतनगर प्लांट में प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया था
ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से राहत पैकेज मांगा

मारुति सुजुकी ने पिछले सात महीनों के दौरान अपना प्रोडक्शन घटाया है. जुलाई में इसकी पैसेंजर कारों की बिक्री में 36.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. जुलााई में ही अशोक लेलैंड ने उत्तराखंड के पंतनगर के प्लांट में अपना प्रोडक्शन नौ दिनों के लिए बंद कर दिया था. सालाना 1.5 लाख यूनिट का प्रोडक्शन करने वाले इस प्लांट में 17 जून से 29 जून के बीच सात दिनों के लिए काम बंद रखा गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

घटती बिक्री और रोजगार घटने के मद्देनजर ऑटो इंडस्ट्रीज ने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है. कंपनियों ने जीएसटी और रजिस्ट्रेशन फीस में राहत देने की मांग की है ताकि गाड़ियों की बिक्री रफ्तार पकड़ सके. ऑटो इंडस्ट्री में लाखों लोग काम करते हैं और देश की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है. अगर गाड़ियों की डिमांड नहीं बढ़ी तो इस सेक्टर के सामने गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×