देश में प्याज की सप्लाई अच्छी होने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में इसके दाम कम नहीं हो रहे हैं. राजधानी की आजादपुर मंडी में हर दिन 50 ट्रक प्याज आ रहा है. हर ट्रक में 20 टन प्याज लदा होता है. इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में प्याज 40 से 60 रुपये किलो बिक रहा है. देश के दूसरे इलाकों में भी प्याज महंगा बिक रहा है.
खुदरा दुकानदार वसूल रहे हैं ज्यादा कीमत
प्याज के थोक और खुदरा दामों में काफी अंतर है. थोक मार्केट में प्याज के दाम 1500 रुपये 2500 रुपये क्विंटल चले रहे हैं. लेकिन खुदरा बाजार में अब भी प्याज 40 से 60 रुपये किलो पर ही बिक रहा है. साफ है, रिटेल दुकानदार ज्यादा मुनाफा वसूल रहे हैं. खुदरा दुकानदारों का कहना है कि मंडी से प्याज लाने में लगने वाला किराया,स्टोरेज और दूसरी लागतों की वजह से प्रति किलो 15 रुपये खर्च बढ़ रहा है. इसलिए उन्हें इसे 40 से 60 रुपये में बेचना पड़ रहा है. लेकिन कुछ व्यापारियों का ही मानना है कि हर किलो पर यह लागत 15 रुपये नहीं आ सकती है. 100 फीसदी मुनाफावसूली गलत है.
प्याज की प्रमुख मंडी में सप्लाई जबरदस्त, दाम घटे
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक दिल्ली में सबसे ज्यादा प्याज नासिक से आता है. नासिक की मंडियों में शुक्रवार को प्याज 1600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था. 31 जनवरी को एक क्विंटल प्याज 2600 रुपये का बिक रहा था.
पिछले साल 16 दिसंबर को लासलगांव में प्याज के दाम 8625 रुपये प्रति क्विंटल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए थे.यानी 16 दिसंबर की तुलना में अब तक इसके दाम 81 फीसदी गिर गए थे. 20 जनवरी को लासलगांव में प्याज की कीमत 4100 रुपये प्रति क्विंटल थी. यानी पिछले पंद्रह दिनों में प्याज की कीमत 64 फीसदी घट गई.
लेकिन दिल्ली-एनसीआर के खुदरा सब्जी बाजारों में इसकी कीमत अब भी 40 से 80 रुपये किलो है. दिल्ली के कुछ इलाकों में खुदरा दुकानदारों का कहना है कि यहां की थोक मंडियों में अब भी प्याज 60 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में हम सस्ता प्याज कैसे बेच सकते हैं. थोक दुकानदार ज्यादा मुनाफावसूली कर रहे हैं. कुछ थोक दुकानदार प्याज की जमाखोरी भी कर रहे हैं.
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