बांबे हाई कोर्ट ने प्रमोटर शेयर होल्डिंग घटाने के मामले में कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी. उस दिन रिजर्व बैंक को अपना पक्ष रखना है. आरबीआई गाइडलाइंस के मुताबिक बैंक के प्रमोटर उदय कोटक को 31 दिसंबर तक बैंक में अपनी हिस्सेदारी 29.73 फीसदी से घटा कर 20 फीसदी पर ले आना है. कोर्ट ने इस पर उदय कोटक को कोई राहत नहीं दी है.
आरबीआई से कार्रवाई न करने की गुजारिश
उदय कोटक के वकील ने कहा है अगली सुनवाई तक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाने का अनुरोध किया है. इस पर अदालत ने कहा कि आरबीआई एक जिम्मेदार नियामक है और कार्रवाई करने न करने का मामला हम उस पर छोड़ते हैं.
अगस्त में उदय कोटक ने कॉमन इक्विटी वाले अपने शेयर घटाने के बजाय प्रीफरेंश शेयर का इस्तेमाल कर प्रमोटर होल्डिंग घटाने की पेशकश की थी. लेकिन इसके दस दिन के अंदर ही आरबीआई ने कोटक से कहा कि परपिचुअल कनवर्टिबल फ्रीफरसें शेयर (PNCPS) के जरिये प्रमोटर शेयरहोल्डिंग घटाने की उनकी कोशिश मंजूर नहीं होगी.
कोटक बनाम आरबीआई
कोटक महिंद्रा बैंक को लाइसेंस देते वक्त यह शर्त थी कि प्रमोटर को एक निश्चित समय अवधि में अपनी शेयर होल्डिंग घटानी होगी. आरबीआई की ओर से कई बार यह समय सीमा बढ़वाई गई. लेकिन फरवरी 2017 में आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक को एक टाइमलाइन दी जिसमें प्रमोटर की शेयर होल्डिंग घटाई जानी है. इसके तहत दिसंबर तक उदय कोटक को अपनी शेयर होल्डिंग घटा कर 20 फीसदी करनी होगी.
इस वक्त उदय कोटक की कोटक महिंद्रा बैंक में हिस्सेदारी 29.73 फीसदी है. यह मामला आरबीआई नियमन के लिए चुनौती बन गया है. बैंकिंग लाइसेंस के लिए जरूरी प्रमोटर शेयर होल्डिंग कम करने का मामला इस केस से बहस का मुद्दा बना गया है. देखना ये है कि कोर्ट का फैसला किसके पक्ष में जाता है.
इनपुट : ब्लूमबर्गक्विंट
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