ADVERTISEMENTREMOVE AD

PNB घोटाला : इलाहाबाद बैंक की सीईओ के सभी अधिकार छिनेंगे 

पीएनबी घोटाल में अब बैंकों के आला अफसरों पर गिरेगी गाज 

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पीएनबी घोटाले में इलाहाबाद बैंक की एमडी और सीईओ उषा अनंत सुब्रह्मण्यम के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट के बाद वित्त मंत्रालय ने उनके सभी अधिकार छीन लेने के आदेश दिए हैं. उषा अनंत सुब्रह्मण्‍यम अगस्त 2015 से मई 2017 के बीच पंजाब नेशनल बैंक की एमडी और सीईओ थीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पीएनबी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स का भी यही हश्र

वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि पीएनबी बोर्ड को बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के वी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण के भी सारे अधिकार खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं. इन दोनों के नाम भी सीबीआई की चार्जशीट में हैं. पीएनबी घोटाले के बारे में सरकार के शुरुआती आकलन में लापरवाही के मामले सामने आए हैं और इसकी वजह पूछी गई है. कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से बैंक के बोर्ड डायरेक्टरों को औपचारिक पत्र भेजा गया है. चूंकि यह बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में, इसलिए वही आला अधिकारियों के अधिकार छीन सकता है.

अनंतसुब्रहमण्यम पर शिकंजा

अगस्त 2015 से 2017 के बीच पीएनबी की एमडी और सीईओ थीं. इसके बाद वह भारतीय महिला बैंक की प्रमुख बन गई थीं. पीएनबी घोटाले में आरोप का सामना करने वाली अनंत सुब्रहमण्यम बैंक की सबसे बड़ी अधिकारी हैं. वह जुलाई 2011 से नवंबर 2013 के बीच पीएनबी की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी थीं

पीएनबी घोटाले में पहली चार्जशीट नीरव मोदी के खिलाफ दाखिल की गई थी. मेहुल चोकसी के खिलाफ भी एक चार्जशीट दाखिल की जाएगी.

पीएनबी घोटाल में अब बैंकों के आला अफसरों पर गिरेगी गाज 
पीएनबी  में फर्जी एलओयू के जरिये 12,700 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया गया 
(फोटो: ट्विटर)
0

क्या है पूरा मामला

इस साल फरवरी में पंजाब नेशनल बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि था इसने अपने यहां 12,700 करोड़ रुपये के घोटाले के खिलाफ सीबीआई में औपचारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के मुताबिक पीएनबी के मुंबई स्थित ब्रैड ब्रांच के कुछ कर्मचारियों ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी के कर्मचारियों से मिलीभगत के जरिये फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर दिए. बैंक के स्विफ्ट नेटवर्क के जरिये ये एलओयू जारी किए गए थे. इन एलओयू से मोदी की कंपनी विदेशी बैंकों और भारतीय बैंकों की विदेशी शाखा से क्रेडिट लेती रही. हालांकि पीएनबी के पास जारी किए गए इन एलओयू का कोई रिकार्ड नहीं था.

फर्जी एलओयू जारी करने का सिलसिला 2011 में शुरू हुआ था और सात साल तक चला. ब्रैडी हाउस ब्रांच में एलओयू का काम देखने के लिए नए मैनेजर की नियुक्ति के बाद इस घोटाले का पता चला.

इनपुट - ब्लूमबर्गक्विंट

ये भी पढ़ें -पीएनबी कर्जखोर भगोड़ों को तलाशने के लिए छोड़ेगा प्राइवेट जासूस

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×