प्राइवेट एयरलाइंस के विमानों में इकनॉमी क्लास में ट्रैवल करने वालों के लिए चेक-इन के वक्त सिर्फ 15 किलो तक बैगेज की सीमा को बढ़ाने पर सरकार जल्द विचार करेगी. सिविल एविएशन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि वजन कम किए बगैर बैगेज की संख्या एक तक सीमित करने समीक्षा की जाएगी.
सुरेश प्रभु ने साफ किया एक प्राइवेट एयरलाइन, जेट एयरवेज ने बैगेज की संख्या एक तक सीमित करने की व्यवस्था पिछले 15 मई को लागू की थी. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा से जुड़ा यह अहम मुद्दा है और सरकार इस पर जरूर ध्यान देगी.
एयरलाइंस में क्षेत्रीय भाषा में अनाउंसमेंट पर जोर
हवाई यात्रा के दौरान विमान में किए जाने वाले अनाउंसमेंट और एयर होस्टेस के यात्रियों के साथ संवाद में क्षेत्रीय भाषाओं को नजरअंदाज किए जाने से जुड़े एक पूरक सवाल के जवाब में उन्होंने इसे भी अहम मुद्दा करार दिया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस बारे में विमानन कंपनियों को एडवाइजरी जारी करेगा कि विमान के अनाउंसमेंट और विमान कर्मचारियों और यात्रियों के बीच क्षेत्रीय भाषा में बातचीत के मुद्दे पर ध्यान दिया जाए.
जेट बैगेज नियम लागू करने वाली पहली भारतीय एयरलाइंस
पिछले दिनों जेट एयरवेज ने बैगेज से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. इस नियम के मुताबिक इकनॉमी क्लास के पैसेंज को अधिकतम 15 किलो वजन का केवल एक बैग लेकर यात्रा करने की अनुमति थी. जबकि प्रीमियर क्लास पैसेंजर को मुफ्त में 2 बैग ले जाने की अनुमति दी गई थी. हरेक का वजन 15 किलोग्राम तक हो सकता है. जेट एयरवेज भारत में पहली एयरलाइन कंपनी है जिसने लगेज की संख्या पर प्रतिबंध लगाया है.
एयरलाइन के मुताबिक इंटरनेशनल फ्लाइट्स में लगेज की संख्या पर प्रतिबंध एक साल से लागू है. यह भारतीय एयरलाइंस के लिए नया है. लेकिन कई इंटरनेशनल एयरलाइंस में लगेज की संख्या पहले ही सीमित कर दी गई है. एयरलाइंस का कहना है कि लगेज की संख्या कम होने से वक्त की बचत होती है. कंपनियों को अतिरिक्त लगेज पर चार्ज करने से कमाई भी होती है.
भाषा इनपुट के साथ
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