केंद्र सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान वर्कर्स को पूरा वेतन देने का पुराना निर्देश वापस ले लिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने लॉकडाउन के पहले फेज के लागू होने के कुछ ही दिन बाद 29 मार्च को जारी दिशा निर्देश में सभी कंपनियों और बाकी नियोक्ताओं से कहा था कि वे प्रतिष्ठान बंद रहने की स्थिति में भी महीना पूरा होने पर सभी वर्कर्स को बिना किसी कटौती के पूरा वेतन दें.
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है. इसे अभी तब तीन बार बढ़ाया जा चुका है. लॉकडाउन का चौथा फेज 18 मई से शुरू हुआ है. भल्ला ने लॉकडाउन के चौथे फेज को लेकर 17 मई को नए दिशा निर्देश जारी किए थे.
इसमें कहा गया है, ''जहां तक इस आदेश के तहत जारी परिशिष्ट में कोई दूसरा प्रावधान नहीं किया गया हो वहां आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 10(2)(1) के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की तरफ से जारी आदेश 18 मई 2020 से अमल में नहीं माने जाएं.’’
नए दिशा निर्देश में छह तरह के मानक परिचालन प्रोटोकॉल का जिक्र है. इनमें से ज्यादातर लोगों की आवाजाही से संबंधित हैं. इसमें गृह सचिव की तरफ से 29 मार्च को जारी आदेश शामिल नहीं है. उस आदेश में सभी नियोक्ताओं को निर्देश दिया गया था कि किसी भी कटौती के बिना नियत तारीख पर वर्कर्स को वेजेज का भुगतान करें, भले ही लॉकडाउन की अवधि के दौरान उनकी यूनिट बंद हो.
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