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G-20 देशों की लिस्ट में NPA ने भारतीय बैंकों का किया बुरा हाल

सबसे बुरा हाल इटली का, भारत तीसरे स्थान पर

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पीएनबी घोटाले के बाद से वैश्विक स्तर पर भारत की छवि और भारतीय अर्थव्यवस्था पर काफी निगेटिव असर हुआ है. 2008 में आई वैश्विक आर्थिक मंदी के समय भी भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर थी, लेकिन आज के समय में जी-20 देशों में भारत का बुरा हाल है. भारतीय बैंकों के एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर हुआ है. आईएमएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के टॉप बैंक में जो एनपीए है उसको रिकवर करना मुश्किल है.

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सबसे बुरा हाल इटली का, भारत तीसरे स्थान पर

एनपीए की वजह से सिर्फ भारत ही नहीं बाकी देशों की स्थिति भी काफी खराब है. इस मामले में सबसे बदतर हालत इटली के बैंकों का है. यहां के बैंकों का एनपीए 16.35 फीसदी है. वहीं इस मामले में 10.20 फीसदी के साथ रूस दूसरे स्थान पर है. भारतीय बैंकों का एनपीए 9.73 फीसदी है और भारत जी-20 देशों में तीसेर पायदान पर है. इस लिस्ट में 3.67 प्रतिशत एनपीए के साथ ब्राजील चौथे स्थान पर और 3.41 प्रतिशत एनपीए के साथ फ्रांस पांचवें स्थान पर है.

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क्या है NPA?

बैंक का वो कर्ज जो डूब गया हो और जिसे फिर से वापस आने की उम्मीद नहीं के बराबर हो उसे एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) कहा जाता है. साधारण भाषा में अगर बैंक को कर्ज की ईएमआई 3 महीने पर नहीं आती है तो उस अकाउंट को एनपीए घोषित कर दिया जाता है.

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