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LIC IPO: लिस्टिंग के पहले ही दिन शेयरों में गिरावट, NSE पर 8.01% टूटकर बंद

LIC का गठन साल 1956 में 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का विलय और राष्ट्रीयकरण करके किया गया था.

LIC IPO: लिस्टिंग के पहले ही दिन शेयरों में गिरावट, NSE पर 8.01% टूटकर बंद
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देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (IPO) आज, यानी 17 मई को शेयर मार्केट में लिस्टिंग हो गई. अपने लिस्टिंग के पहले दिन LIC के शेयर BSE पर अपने इश्यू प्राइस से 73.55 रुपये कम 875.45 रुपये पर बंद हुए. वहीं, NSE पर 8.01 फीसदी गिरावट के साथ 873 रुपए पर बंद हुए.

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बता दें, LIC के शेयर्स की लिस्टिंग डिस्काउंट के साथ हुई है. NSE पर LIC का शेयर 77 रुपए यानी 8.11% नीचे 872 रुपए पर लिस्ट हुआ. वहीं, BSE पर ये 867 पर पर लिस्ट हुआ.

सरकार ने एलआईसी के शेयरों का प्राइस बैंड मतलब कि इश्यू प्राइस 949 रुपये तय किया था. यानी एक शेयर पर निवेशक को 81.80 रुपये प्रति शेयर का घाटा हुआ. सरकार को 20,557 करोड़ रुपये के इस आईपीओ के लिए घरेलू निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी.

शुरुआती झटके के बाद थोड़ा संभला

शुरुआती गिरावट के बाद एलआईसी ने कुछ नुकसान की भरपाई की है, दिन के 10 बजकर 45 मिनट पर एलआईसी 48.45 रुपये मतलब 5.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 900.55 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

एलआईसी के आईपीओ ने आज 920 रुपये के इंट्रा डे हाई और 860.10 रुपये के इंट्रा डे लो को छुआ है.

वहीं 12:22 बजे, शेयर 58.95 रुपये मतलब 6.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 890.05 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

देश की 5वीं वैल्यूएबल कंपनी बनी LIC

लिस्टिंग के बाद एलआईसी (LIC listing) देश की पांचवीं सबसे मूल्यवान बन गई है.

लिस्टिंग प्राइस के हिसाब से LIC का मार्केट कैप 5.48 लाख करोड़ रुपए रहा. मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Limited) 16.42 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है. इसके बाद TCS, HDFC Bank और Infosys Ltd का नंबर आता है.

एलआईसी का आईपीओ 4 मई से लेकर 9 मई के बीच 6 दिनों के लिए खुला था. आखिरी दिन इश्यू कुल 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ. इन्वेस्टर्स ने 16.2 करोड़ इक्विटी शेयर्स के मुकाबले 47.83 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई.

एलआईसी के पॉलिसीधारकों को शेयर्स खरीदने पर 60 रुपये की छूट दी गई, जबकि रिटेल निवेशकों और कर्मचारियों को 40 रुपये की छूट दी गई, इनके लिए अलग से रिजर्व कोटा भी निर्धारित था.

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LIC का इतिहास

मालूम हो कि LIC का गठन 1 सितंबर, 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का विलय और राष्ट्रीयकरण करके 5 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी (इनिशियल कैपिटल) के साथ किया गया था.

LIC के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार "भारत की संसद ने 19 जून 1956 को जीवन बीमा निगम अधिनियम पारित किया, और भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 1 सितंबर, 1956 को की गई थी. इसका उद्देश्य जीवन बीमा को और भी व्यापक रूप से और खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाना था ताकि यह देश में सभी बीमा योग्य व्यक्तियों तक पहुंच सके और उन्हें उचित लागत पर पर्याप्त वित्तीय कवर प्रदान किया जा सके."

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