पिछले तीन दिनों से भारतीय शेयर बाजारों में जारी भारी गिरावट की वजह से निवेशकों के 9.6 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं. पहले बजट में लांग टर्म गेन्स टैक्स की वापसी का ऐलान और फिर दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों में जारी बिकवाली से भारतीय बाजार तीसरे दिन भी लहुलूहान रहे. मंगलवार को सुबह सुबह सेंसेक्स 1200 प्वाइंट गिर गया.
हालांकि बाद में इसमें 700 प्वाइंट की रिकवरी आई फिर भी ये 561 अंक गिर कर 34,195 पर बंद हुआ. निफ्टी 168 अंक गिर कर 10,498 पर जा पहुंचा.
बाजार में जारी भारी बिकवाली की वजह से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले तीन दिनों में 9,60,938 करोड़ रुपये घट कर 1,43,39,062 करोड़ रुपये रह गया.
भारतीय बाजारों में भारी गिरावट का यह दौर बजट के दिन लांग टर्म गेन्स टैक्स की वापसी की घोषणा के साथ शुरू हुआ था लेकिन अमेरिका समेत ग्लोबल शेयर बाजारों में लगातार दो दिनों से जारी गिरावट की वजह से पहले एशियाई शेयर गिरे और फिर भारतीय शेयर बाजार धड़ाम हो गए.
मंगलवार की गिरावट में आईटी शेयर भी नहीं बचे. पिछले दो दिनों से बाजार गिर रहा था लेकिन आईटी शेयर थामे हुए थे. निफ्टी का आईटी इंडेक्स 3 परसेंट गिरा. इसी तरह सरकारी बैंकों और और फार्मा इंडेक्स में 2-2 फीसदी की गिरावट रही.
बाजार का सेंटीमेंट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगने की वजह से बिगड़ा हुआ है. लेकिन मंगलवार को घरेलू बाजारों की गिरावट के जिम्मेदार रहे अमेरिकी बाजार, जहां सोमवार को 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसने सालभर की बढ़त गंवा दी है. दरअसल अमेरिका में बॉन्ड यील्ड 2.88 फीसदी तक पहुंच गया है जो 4 साल का रिकॉर्ड है. सोमवार को डाउ जोंस 1175 अंक (4.60%) की बड़ी गिरावट के साथ 24,346 अंक पर बंद हुआ.
एशियाई बाजारों में भी गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का असर एशियाई बाजारों में भी दिखा. शुरू में जापानी शेयर बाजार का निक्केई 7 फीसदी गिरे. हालांकि फिर कुछ रिकवर होकर 4.7 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुए. हांगकांग के हेंगसेंग 5 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ. दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 2.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
इसलिए बाजार हो रहा है लहूलुहान
- अमेरिका में रोजगार के बेहतर आंकड़ों के वजह से महंगाई बढ़ने की संभावना जताई जाने लगी है. इसके साथ ही ब्याज दरों के महंगा होने की आशंका से अमेरिकी बाजार में शेयरों की बिकवाली शुरू हो गई.
- अमेरिका के केंद्रीय बैंक की ओर से उम्मीद से पहले ही ब्याज दरें बढ़ाए जाने की संभावना से बांड यील्ड बढ़ गई . इस वजह से शेयरों में गिरावट शुरू हो गई.
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आशंका जताई थी कि महंगाई दर बढ़ेगी. इससे ब्याज दरों में जल्द बढ़ोतरी की संभावना भी जताई जाने लगी. इस संकेत से अमेरिकी समेत दुनिया भर के बाजार गिर गए. भारतीय बाजार पर भी इस गिरावट का असर हुआ
- इससे पहले भारतीय बाजार बजट के दिन लांग टर्म गेन्स टैक्स की वापसी के ऐलान के बाद गिरना शुरू हुआ. उस दिन बजट में शेयर बाजार में एक लाख रुपये की कमाई पर दस फीसदी टैक्स का ऐलान किया गया. नतीजतन शुक्रवार यानी बजट के दौरान इसमें 800 अंक की गिरावट आई. फिर सोमवार को बाजार 300 अंक गिरा
- भारतीय बाजार को गिराने में एशियाई शेयर बाजारों का भी हाथ रहा. यहां भी अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट की वजह से स्थिति खराब रही. एशियाई बांड बाजार में भी यील्ड बढ़ने का भी भारतीय बाजार की गिरावट में हाथ रहा.
सरकार ने दिलाया भरोसा, हालात सुधारने की कोशिश करेंगे
शेयर बाजार में लगातार भारी गिरावट की वजह से सरकार भी फिक्र में है. लेकिन रेवेन्यू सेक्रेट्री हसमुख अधिया ने कहा है कि गिरावट ग्लोबल शेयर बाजारों की वजह से है. सरकार देखेगी कि इस गिरावट को थामने कि लिए क्या किया जा सकता है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार इस गिरावट को देखते हुए लांग टर्म गेन्स टैक्स को खत्म कर देगी. इस पर अधिया ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों की मौजूदा हाल ग्लोबल मार्केट की वजह से है. आगे सरकार देखेगी कि वह हालात ठीक करने करने के लिए क्या कर सकती है.
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