केंद्र सरकार ने नए इनकम टैक्स नियमों (new income tax rules) को नोटिफाई कर दिया है, जिसके तहत मौजूदा भविष्य निधि (PF) खातों को दो अलग-अलग खातों में विभाजित किया जाएगा. सरकार इसकी मदद से सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक के कर्मचारी योगदान (Employee Contributions) से हुई ब्याज की कमाई पर टैक्स लगा सकेगी.
बजट 2021-22 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सालाना 2.5 लाख से ज्यादा के PF योगदान की इनकम पर टैक्स का प्रस्ताव रखा था. जहां कंपनी कोई योगदान नहीं देती है, उन PF अकाउंट के लिए सीमा 5 लाख कर दी थी.
अब ये टैक्स कैसे लगाया जाएगा? नए नियमों से क्या होगा? इस पूरे मामले को यहां आसान भाषा में समझिए.
1.सरकार ने क्या किया है?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नियम जारी किए हैं. इनकम टैक्स (25वां संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार PF खाते के भीतर अलग खाते बनाए जाएंगे. इसके बाद, सभी मौजूदा कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन अकाउंट्स में बांटा जाएगा.
CBDT के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक किसी भी कंट्रीब्यूशन पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बाद PF खातों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उसकी गणना अलग-अलग की जाएगी.
सरकार ने 2021 के फाइनेंस एक्ट में एक नया प्रावधान पेश किया था जो सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर PF खाते में अर्जित ब्याज को कर योग्य (टैक्सेबल) बनाता है. ये केवल 1 अप्रैल 2021 से किए गए योगदान पर लागू होता है.
2.किन PF अकाउंट पर असर पड़ेगा?
जिन EPF अकाउंट्स को एम्प्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) संभालते हैं और जहां सरकारी कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाते हैं, ऐसे PF खातों पर असर पड़ेगा.
कुछ बड़ी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट बचत को 'छूट मिले' EPF ट्रस्ट के जरिए मैनेज करती हैं. इन सभी पर भी प्रभाव पड़ेगा. नए टैक्स से पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) अकाउंट्स प्रभावित नहीं होंगे. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत रखी बचत पर भी असर नहीं होगा.
3.PF अकाउंट्स क्यों अलग किए जाएंगे?
प्रोविडेंट फंड से संबंधित टैक्सेबल इंटरेस्ट निकालने के लिए एक नया नियम D जोड़ा गया है. नियम कहता है कि सभी PF अकाउंट्स को अलग-अलग अकाउंट में बांटा जाएगा- एक टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन और उस पर मिले ब्याज के लिए, दूसरा नॉन-टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन के लिए.
दो अलग-अलग अकाउंट संभालना EPFO और अन्य PF ट्रस्टीज का काम होगा. EPFO में EPF खातों वाले 24.77 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें से 14.36 करोड़ सदस्यों को 31 मार्च, 2020 तक विशिष्ट खाता संख्या (UAN) आवंटित किया गया था. इनमें से लगभग 5 करोड़ सदस्य 2019-20 के दौरान अपने EPF खातों में नियमित तौर पर बचत जमा (एक्टिव कंट्रीब्यूटर्स) थे.
सरकारी अनुमान के अनुसार, लगभग 1,23,000 उच्च आय वाले कर्मचारी अपने भविष्य निधि खातों से औसतन टैक्स मुक्त ब्याज में सालाना 50 लाख रुपये से अधिक कमा रहे हैं. यही कारण है कि सरकार उन पर टैक्स लगाने के लिए नए नियम लागू कर रही है.
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