Share Market News Update Today: हफ्ते के पहले दिन सोमवार 22 नवंबर को शेयर बाजार (Stock Market) में पिछले सात महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. बैंक, ऑटो, IT समेत बाजार में हुई चौतरफा बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी करीब 2% गिरे. 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख सूचकांक BSE सेंसेक्स (Sensex) 1170 प्वाइंट गिरकर 58,465 पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 348 अंक फिसलकर 17,416 पर क्लोज हुआ.
स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों की भी जमकर पिटाई हुई. निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 2.74% और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 3% की कमजोरी रही.
Reliance का शेयर 4% गिरा-
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सऊदी अरामको के साथ अपना सौदा रद्द कर दिया. अरामको रिलायंस के ऑइल टू केमिकल (02C) यूनिट में करीब 15 बिलियन डॉलर में 20% हिस्सेदारी लेना चाहती थी. लेकिन रिलायंस ने प्रेस स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया कि कंपनी इस डील पर फिर से विचार करेगी. इसका असर आज रिलायंस के शेयर पर देखने को मिली. रिलायंस का शेयर 4.35% गिरकर ₹2,363 पर बंद हुआ. बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स और NTPC के शेयर्स भी 5.6% तक टूटे.
निफ्टी के इन शेयरों में रही सबसे ज्यादा तेजी-
निफ्टी के 50 शेयर्स में 41 शेयर लाल निशान में बंद हुए. एयरटेल के शेयर में सबसे ज्यादा 3.78% की तेजी रही. JSW पेंट्स, एशियन पेंट्स के स्टॉक्स 1% से ज्यादा चढ़े.
बाजार में गिरावट के कारण-
कोविड लॉकडाउन: ऑस्ट्रिया, जर्मनी समेत कई अन्य देशों में फिर से कोविड के मामले में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऑष्ट्रिया ने कोविड के बढ़ते मामले को कंट्रोल में करने के लिए देश भर में फिर से लॉकडाउन लगाया.
ग्लोबल इन्फेलेशन: बढ़ती ग्लोबल इन्फेलेशन (महंगाई दर) भी कंपनियों के लिए बड़ी समस्या है. कई कंपनी ने तो कच्चे उत्पादों के कीमतों में हुई बढ़ोतरी के चलते अपने प्रोडक्ट्स के प्राइस में वृद्धि कर दी है.
कमजोरी ग्लोबल संकेतो की वजह से भी घरेलू बाजार गिरा. रिलायंस, paytm जैसे बड़े मार्केट कैप वाले कंपनियों के शेयरों में रही कमजोरी से बाजार पर दबाब बना.
रिटेल निवेशक खरीदारी करने में न करें जल्दबाजी-
निफ्टी अपने रिकॉर्ड स्तर से करीब 4.5% टूटा चुका है. यूरोप में ताजा कोविड मामलों और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में लॉकडाउन से वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिल सकती है. डॉलर इंडेक्स का 96 से ऊपर बढ़ना एक और चिंता का विषय है जबकि कच्चे तेल में गिरावट भारत के लिए सकारात्मक है. पेटीएम की कमजोर लिस्टिंग से आईपीओ के महंगे मूल्यांकन में स्थिरता आ सकती है. इस जोखिम भरे माहौल में FII बाजार में और तेजी से बिकवली कर सकती है. खुदरा निवेशकों को गिरावट पर खरीदारी करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.वी. के विजयकुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजीस्ट, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज
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