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Share Market: बाजार फिर गिरा- किन शेयरों ने बनाया मुनाफा,किससे हुआ नुकसान?

Stock Market News: शेयर मार्केट ने मारा गहरा गोता, सेंसेक्स 953.70 अंक टूटा, Nifty 17 हजार के करीब पहुंचा

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Stock Market News Update Today: भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 26 सितंबर को जमकर बिकवाली देखने को मिली, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 953.70 अंक गिरकर 57,145.22 पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 311.05 अंक की कमजोरी के साथ 17,016.30 पर बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 54 पैसे टूटकर 81.63 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ.

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निफ्टी ऑटो, निफ्टी मेटल और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में बिकवाली के साथ सभी सेक्टर में गिरावट देखी गई.

किन शेयरों से सबसे अधिक मुनाफा?

सेंसेक्स पर हरे निशान में बंद होने वाले शेयरों में HCL Tech, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, TCS, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो के शेयर शामिल थे.

कौन से शेयर सबसे अधिक टूटे 

दूसरी तरफ सेंसेक्स पर मारुति सुजुकी, टाटा स्टील, आईटीसी, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, M&M और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर सबसे अधिक टूटे हैं.

डॉलर के मुकाबले नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

डॉलर इंडेक्स में तेजी के बाद सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.63 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर 80.99 के मुकाबले 81.63 पर कारोबार कर रहा था.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के फॉरेक्स एंड बुलियन एनालिस्ट, गौरांग सोमैया ने कहा, डॉलर के मजबूत होने से रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है. हॉकिश फेड आउटलुक, चीन में राजनीतिक अस्थिरता और कर कटौती की घोषणा के बाद पाउंड में बिकवाली भी समग्र बाजार धारणा को परेशान कर रही है. इस हफ्ते, आरबीआई अपना नीतिगत बयान जारी करेगा और इससे रुपये पर असर पड़ने की संभावना है जो वर्तमान में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रहा है.

डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की एक बास्केट के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 114.58 तक बढ़कर 113.513 तक पहुंचा. रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये के लगातार तीसरे सत्र के लिए अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद डॉलर बेच रहा है.

कमजोर रुपये को बचाने और देश के व्यापार समझौते के लिए आरबीआई के बाजार हस्तक्षेप के कारण पिछले कुछ महीनों से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है.

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