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Stock Market की सुस्त चाल, सेंसेक्स 8 अंक लुढ़का, Nifty 15780 पर जाकर बंद

Stock Market News: "रुपये के कमजोर होने से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर लेकिन चिंता की कोई बात नहीं"- FM सीतारमण

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Stock Market News Update Today: भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) की चाल गुरुवार, 30 जून को भी सुस्त रही. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 8.03 अंकों की कमजोरी के साथ 53,018.94; पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 18.85 अंक गिरकर 15,780.25 पर बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे बढ़कर 78.98 पर बंद हुआ

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL), कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों का प्रदर्शन BSE Sensex पर सबसे अच्छा रहा.

वहीं बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL), M&M, टेक महिंद्रा, टाइटन कंपनी, ITCS HDFC बैंक, HDFC के शेयर आज सेंसेक्स पर सबसे फिसड्डी साबित हुए.

फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार निफ्टी रियल्टी को छोड़कर निफ्टी के सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में चल रहे थे. निफ्टी बैंक इंडेक्स और निफ्टी मेटल में 0.5% की तेजी आई.

वैश्विक शेयर मार्केट का हाल

अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में गुरुवार, 30 जून को गिरावट आई, जिससे दुनिया भर में मंदी की आशंका बढ़ गई. लंदन और फ्रैंकफर्ट निचले स्तर पर खुले. टोक्यो और हांगकांग में गिरावट आई जबकि शंघाई में बढ़त रही.

बढ़ती महंगाई को शांत करने के लिए विश्व की लगभग हर बड़ी अर्थव्यवस्था में केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के संकेत के बारे में निवेशक असहज हैं.

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रुपये के कमजोर होने से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर लेकिन चिंता की कोई बात नहीं: FM सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपये के हालिया कमजोर होने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की उम्मीद है, लेकिन इस हद तक नहीं कि यह चिंता का विषय बन जाए. गुरुवार, 30 जून को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के बाद रिपोर्टरों से बात करते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय करेंसी के मूल्य में गिरावट, जो डॉलर के मुकाबले 78.92 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है, पर सरकार की नजर है.

मालूम हो कि रुपये के गिरते मूल्य से आयात महंगा हो जाता है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का आयात बिल 612 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

दूसरी ओर घरेलू मुद्रा के कमजोर होने से निर्यात को बढ़ावा मिलता है.

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