सरकार का जनवरी महीने का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन घट गया है. दिसंबर महीने में बतौर जीएसटी 1.02 लाख करोड़ रुपये सरकार के खजाने में जमा हुए थे लेकिन जनवरी में यह घट कर 97,247 करोड़ रुपये रह गया. हालांकि जनवरी 2018 की तुलना में जनवरी 2019 में जीएसटी कलेक्शन में 13.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जनवरी 2018 में 85,962 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था
ब्लूमबर्ग क्विंट की खबर के मुताबिक 28 फरवरी तक जनवरी महीने के लिए GSTR-3B रिटर्न फाइलिंग मामूली बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर 2018 में 73.3 लाख रिटर्न फाइल किए गए थे. जबकि जनवरी में 73.4 लाख रिटर्न फाइल किए गए गए. जीएसटी कलेक्शन का ब्रेक-अप इस तरह रहा.
- Central GST - 17,626 करोड़ रुपये
- State GST - 24,192 करोड़ रुपये
- Integrated GST - 46,953 करोड़ रुपये
- Compensation Cess - 8,476 करोड़ रुपये
Integrated GST का हिसाब-किताब राज्यों और केंद्र के बीच होता है. यह संबंधित राज्यों के उपभोग पर आधारित होता है. हिसाब-किताब के बाद कुल CGST 37,095 करोड़ रुपये का रहा. जबकि SGST 39,939 करोड़ रुपये का रहा.
GST कलेक्शन में कमी की वजह क्या रही?
GST रेवेन्यू में कमी की एक वजह जनवरी से लागू टैक्स में कटौती को बताया जा रहा है. अर्नेस्ट एंड यंग इंडिया के इनडायरेक्ट टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन का कहना है कि दिसंबर में सरकार ने 32 इंच के कलर टीवी, लिथियम आयन बैट्री समेत कई आइटमों पर टैक्स घटा दिया था. इससे सरकार के रेवेन्यू में 5500 करोड़ की कमी का अंदाजा लगाया गया था. हालांकि जैन का यह भी मानना था कि यह टैक्स कलेक्शन औसत कलेक्शन के मुताबिक ही रहा.
मौजूदा वर्ष में फरवरी तक 10.70 लाख करोड़ रुपये की आय जीएसटी से हुई है. सरकार ने संशोधित अनुमान में वर्तमान वित्त वर्ष में कुल जीएसटी कलेक्शन के लक्ष्य को घटकार 11.47 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. हालांकि, शुरुआत में बजट में 13.71 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था। अगले वित्त वर्ष के लिए भी 13.71 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य रखा गया है.
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