उदय कोटक ने चेतावनी दी है कि शेयर बाजार में बबल बन रहा है क्योंकि लोगों के ज्यादातर पैसे सिर्फ कुछ गिने-चुने शेयरों में लग रहे हैं.
उदय कोटक के बारे में जान लीजिए, वो जब बोलते हैं बहुत संभलकर बोलते हैं. वो देश के सबसे अमीर बैंकर और कोटक महिंद्रा बैंक के वाइस चेयरमैन हैं. उदय ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जो कहा वो शेयर बाजार में सीधे और म्युचुअल फंड के जरिए निवेश करने वालों के होश और नींद दोनों उड़ाने के लिए काफी है.
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जो पैसा आ रहा है वो कहां जा रहा है?
कोटक ने माना कि लोगों ने बचत का तरीका बदल दिया है और अब वो फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह परंपरागत निवेश के बजाए म्युचुअल फंड या फिर सिस्टैमेटिक प्लानिंग की तरह सेविंग कर रहे हैं.
उदय कोटक को इस बात की फिक्र है कि शेयर बाजार की तूफानी रफ्तार में देश की भारी भरकम बचत की रकम, सिर्फ चुनिंदा शेयरों में ही लग रही है. कोटक ने जो कहा है उसे समझिए....
पैसा चारों तरफ से आ रहा है और भारतीय निवेशकों का भारी-भरकम निवेश सिर्फ कुछ चुनिंदा शेयरों में लग रहा है. फिर वही सवाल उठता है कि इन कंपनियों की कॉरपोरेट गवर्नेंस कितनी अच्छी है. छोटे और मिडकैप शेयरों में जितनी बड़ी रकम जा रही है उससे हम मुश्किल सवाल पूछने से नहीं बच सकते. आप ये सारा पैसा ऐसी संकरी नली में ठूंस रहे हैं जिससे बबल बनने का खतरा है.
कोटक की चेतावनी समझना जरूरी
उदय कोटक की बात इसलिए भी अहम है क्योंकि उनकी अगुआई में मार्केट रेगुलेटर सेबी की एक कमेटी ने शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के कॉरपोरेट गवर्नेंस में बदलाव के सुझाव दिए हैं.
ये सोचिए शेयर बाजार में पैसा कहां-कहां से आ रहा है. EPFO का पैसा, इंश्योरेंस का पैसा, पेंशन, म्युचुअल फंड का पैसा. ऐसे में लोगों को लग रहा है कुछ भी गलत नहीं हो सकता. लेकिन अब लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है.उदय कोटक, वाइस चेयरमैन, कोटक महिंद्रा बैंक
उन्होंने माना कि आर्थिक हालात सुधर रहे हैं लेकिन शेयरों के भाव उससे कहीं ज्यादा रफ्तार से भाग रहे हैं. शेयरों में ये तेजी सिर्फ और सिर्फ मनी पावर के दम पर ही है.
नोटबंदी के बाद जिस तरह से म्युचुअल फंड में पैसा आया है उससे सेंसेक्स और निफ्टी हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं.
अच्छी कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी
प्राइवेट बैंकों में बढ़ती विदेशी हिस्सेदारी पर भी कोटक चिंतित हैं. उन्होंने कहा इससे विदेशी निवेशकों को फायदा हो रहा है जबकि फायदा घरेलू निवेशकों को मिलना चाहिए था. उन्होंने कहा जैसे HDFC में 80 परसेंट हिस्सेदारी विदेशी है. यानी घरेलू कमाई का फायदा उठा रहे हैं विदेशी निवेशक.
उदय कोटक के मुताबिक अमेरिका में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाली अमेजन, फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एपल जैसी कंपनियों के ज्यादातर निवेशक अमेरिकी हैं. कोटक ने कहा भारत ने विदेशी निवेश को आसान तो बनाया पर उसके एवज में देश की कीमती कंपनियों का मालिकाना हिस्सेदारी विदेशी हाथों में चली गई.
(इनपुट इंडियन एक्सप्रेस)
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