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Budget 2023: क्या बढ़ेगी इनकम टैक्स की लिमिट,सैलरीड क्लास को बजट से क्या उम्मीद?

Union Budget 2023: महंगाई लगातार बढ़ रही है, लोगों की आय में बढ़ोतरी मुश्किल से हो रही है.

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(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज आम बजट पेश कर रही हैं. हर बार की तरह इस बार भी सबको आने वाले बजट (Budget 2023) से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में वेतनभोगी (Salaried Person) कर्मचारियों को भी इस बजट से उम्मीद होगी की सरकार उन्हें कुछ रियायत दे सकती है. उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि नए बजट 2023 में सैलरीड क्लास पर टैक्स का भार कम हो सकता है. वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा था कि वो मिडल क्लास की परेशानियों को समझती हैं. और सरकार उनके लिए जरूर काम करेगी. आइए जानतें हैं कि नए बजट में क्या खास हो सकता है.

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क्या बढेगी इनकम टैक्स की लिमिट?

महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. पर लोगों की आय में बढ़ोतरी मुश्किल से हो रही है. ऐसे में लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स लिमिट में इजाफा किया जाए. पिछले फाइनेंशियल ईयर (Financial Year 2021-22) में करीब 7.52 करोड़ लोगों ने आईटीआर (Income Tax Return) फाइल की जिसमें से 50 प्रतिशत लोग सैलरी क्लास से थे. ऐसे में आस यहीं लगाई जा रही है कि इनकम पर 2.5 लाख की छूट को बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है.

80C में टैक्सपेयर्स को होगा फायदा?

आज के समय में लोग इन्वेस्टमेंट की तरफ जा रहे हैं. जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा माना जाता है. वहीं कई लोग अपने नए घर के लिए होम लोन लेते हैं. ऐसे में उनको इनकम टैक्स भरते समय 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट मिल जाती है. पर कई टैक्सपेयर्स ने इस लिमिट को बढ़ाने की मांग की है. आन वाले बजट में सरकार अगर इस मद्दे पर गौर करती है तो टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिल सकती है.

किस प्रकार के इन्वेस्टमेंट 80C में आते हैं?

अगर आप नीचे दिए गए किसी भी स्कीम में पैसे लगाते हैं तो आपको 80C के तहत राहत पा सकते हैं.

  • ईपीएफ (Employee Provident Fund)

  • पीपीएफ (Public Provident Fund)

  • भविष्य निधि में निवेश (Voluntary President Fund)

  • जीवन बीमा प्रीमियम (Life Insurance Policy)

  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Liquid Saving Fund)

  • होम लोन (मूल राशि का भुगतान) (Home Laon-Capital Amount)

  • एसएसवाई (Sukanya Samriddhi Yojana)

  • एनएससी (National Savings Certificates)

  • एससीएसएस (Senior Citizen Savings Scheme)

  • पेंशन योजना (Pension Scheme)

  • म्युचुअल फंड (Mutual Fund)

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स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction)

फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) के अंत में इनकम टैक्स (Income Tax) के रुप में टैक्सपेयर्स को कर देना पड़ता अगर वो टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं. इसमें नौकरी करने वालों को धारा 16 (ia) के तहत 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल जाता है. बजट 2023 में टैक्सपेयर्स स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसा होता है तो सरकार 50 हजार रुपये को बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर सकती है. जिससे टैक्सपेयर्स पर इनकम टैक्स का दवाब कम होगा.

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रिटायरमेंट प्लान (80CCD)

लोग इनकम टैक्स में बचत के लिए कई जगहों पर निवेश करते हैं. इसमें रिटायरमेंट प्लान में निवेश शामिल है जो इनकम टैक्स की धारा 80CCD में आता है. रिटायरमेंट प्लान में निवेश करने से लोगों को 50000 रुपये की छूट मिलती है. अब ये उम्मीद लगाई जा रही है कि 80CCD की 50000 रुपये की लिमिट को बढ़ाकर 100000 रुपये कर दिया जा सकता है.

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हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम (80D)

अगर किसी टैक्सपेयर्स ने हेल्थ इंश्योरेंस लिया होता है तो उनकों साल के अंत में इनकम टैक्स भरते समय नाॅर्मल टैक्सपेयर्स को 80D के तहत. 25,000 हजार रुपये की छूट मिलती है. वहीं, सीनियर सिटीजन के केस में 50,000 हजार. बजट में 80D के तहत नाॅर्मल टैक्सपेयर्स के लिए 50,000 हजार रुपये और सीनियर सिटीजन के 75,000 हजार रुपये हो सकती है.

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