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यस बैंक की बढ़ती जा रही मुश्किल,10 बड़े बैंकों की लिस्ट से बाहर 

जुलाई 2005 में जब से लिस्टिंग हुई थी तब से यस बैंक के शेयर निवेशकों के  पसंदीदा थे लेकिन इधर ये धड़ाधड़ गिर रहे हैं

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यस बैंक की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. और अब यह देश के दस सबसे अहम बैंकों की लिस्ट से बाहर हो गया है. गुरुवार को इसके शेयरों में 12.74 फीसदी की बड़ी गिरावट आई और इसकी कीमत गिर कर 117.50 रुपये पर पहुंच गई. इसके पहले इसके शेयर अक्टूबर 2014 में इतना गिरे थे. इस साल अब तक इसके शेयर 34 फीसदी गिर चुके हैं.

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जुलाई 2005 में जब से लिस्टिंग हुई थी तब से यस बैंक के शेयर निवेशकों के पसंदीदा माने जाते थे. ये निवेशकों को काफी अच्छा मुनाफा दे रहे थे. लेकिन मैनेजमेंट के झगड़े, अविश्वसनीय आंकड़ों और रेटिंग एजेंसियों के लगातार निगेटिव कमेंट से अब इसके शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी ब्रोकरेज हाउस UBS ने यस बैंक के शेयर की रेटिंग डाउनग्रेड कर दी है. इससे यस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई.

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क्यों खराब हुई हालत?

यस बैंक पिछले काफी समय से विवाद में रहा है. हाल में बैंक के 2 स्वतंत्र डायरेक्टर मुकेश सभरवाल और अजय कुमार ने इस्तीफा दे दिया. खबर है कि यस बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO राणा कपूर बोर्ड में वापसी करना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया है. राणा कपूर ने मई में चिट्ठी लिखकर बोर्ड में सीट देने की मांग की थी लेकिन बोर्ड ने आरबीआई के फैसले का हवाला देकर इससे इनकार कर दिया.

यस बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 27476.23 करोड़ रुपये रह गया है. मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से यह देश के 10 बड़े बैंकों की लिस्ट से बाहर हो गया है. अब यह 11 वें नंबर पर है. दसवें नंबर पर बैंक ऑफ इंडिया आ गया है.
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राणा कपूर ने कहा,नहीं चाहता बैंक में वापसी

इधर, राणा कपूर ने इस बात को खारिज किया है कि वह बैंक में वापसी की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी रवनीत गिल में पूरा भरोसा जताया है. कपूर ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा है ‘मीडिया में चल रही खबरों में कहा गया है कि मैं बैंक में वापसी की कोशिश कर रहा हूं, जबकि मैं साफ तौर पर इससे इनकार करता हूं. उन्होंने कहा कि मुझे गिल और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पर पूरा भरोसा है. मुझे पूरा विश्वास है कि बैंक इस संकट से उबरेगा.

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