ईपीएफओ ने सोशल मीडिया में वायरल हो रही उन खबरों का खंडन किया है कि आधार लिंकिंग की वजह से हैकरों ने उसकी वेबसाइट से सब्सक्राइवर्स से जुड़े अहम डेटा चुरा लिए हैं. सोशल मीडिया में सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर वीपी जॉय का एक सीक्रेट लेटर सर्कुलेट हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि डेटा की चोरी हुई है.
ईपीएफओ ने कहा, अफवाह फैलाई जा रही है
इस लेटर के सर्कुलेट होने के बाद ईपीएफओ ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि सब्सक्राइवर्स के आधार डेटा चोरी होने की खबरें अफवाह हैं. ईपीएफओ ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से एक बयान जारी कर कहा है कि सोशल मी़डिया पर ईपीएफओ के डेटा के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं. इसमें कहा गया है कि डेटा या सॉफ्टवेयर में सेंध लगाए जाने से संबंधित चेतावनी कई बार दी जाती है. यह रूटीन प्रोसेस है. इसमें कहा गया है कि कॉमन सर्विस एरिया के तहत मुहैया कराई जा रही सर्विस 22 मार्च 2018 से बंद कर दी गई है. वहां से कुछ डेटा चुराए गए थे. लेकिन ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर या डेटा सेंटर से नहीं.
ईपीएफओ के बयान में कहा गया है कि ईपीएफओ के सब्सक्राइवर्स का आधार डेटा चोरी होने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है. ईपीएफओ इस बात का पूरा इंतजाम करता है कि इसके यहां कोई डाटा लीकेज न हो. इस मामले में वह पूरी सतर्कता बरतता है और आगे भी इस बात का पूरा इंतजाम करता रहेगा कि हैकर सेंधमारी न कर सके.
ईपीएफओ ने कहा है कि डेटा चुराए जाने से संबंधित जो खबरें चल रही हैं वे कॉमन सर्विस सेंटर से जुड़ी थीं. ईपीएफओ सॉफ्टवेयर या डाटा सेंटर से कोई डेटा चोरी नहीं हुई है.
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है. यूआईडीएआई ने कहा है कि aadhaar.epfoservices.com साइट उसकी नहीं है. यूआईएडीआई के सर्वर से कोई डाटा चोरी नहीं हुई है, आधार डेटा सुरक्षित है. ईपीएफओ ने पीएफ अकाउंट होल्डर्स के यूनिवर्सल अकाउट नंबर को आधार से जोड़ने की शुरुआत की है.
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