24 साल के अंकुश श्रीवास्तव आजकल थोड़े परेशान हैं. नई-नई नौकरी में आए अंकुश ने एक बड़े हिंदी अखबार में बतौर ट्रेनी ज्वाइन किया है. सैलरी ज्यादा नहीं है. अपनी कुछ बेहद जरूरी खरीदारी के लिए वह बैंक का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करना चाहते हैं. लेकिन बैंक उन्हें क्रेडिट कार्ड नहीं दे रहे हैं. यहां तक कि जिस बैंक में उनका सैलरी अकाउंट है वह भी उन्हें क्रेडिट कार्ड नहीं दे रहा है .उन्होंने अब तक कोई कर्ज नहीं लिया है सो उनका कोई क्रेडिट स्कोर भी नहीं है और दुर्भाग्य से वह ऐसे इलाके में रहते हैं जो पहले ही बैंक की ब्लैक लिस्ट में हैं. अब अंकुश क्या करेंगे?
अंकुश के लिए उम्मीद की एक ही किरण है और वह है सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड, जिसे सिक्योर्ड कार्ड भी कहा जाता है. दरअसल 750 से 900 के बीच क्रेडिट स्कोर हासिल करने में नाकाम लोगों, स्टूडेंट्स, कम वेतन पाने वाले, इनकम प्रूफ देने में नाकाम रहने, अनियमित आय वाले और ब्लैक लिस्ट में डाले गए इलाकों में रहने वालों के लिए क्रेडिट कार्ड हासिल करना हद मुश्किल हो जाता है.
ऐसे लोगों के लिए एक दूसरे किस्म का क्रेडिट कार्ड सबसे अच्छा विकल्प है. आम भाषा में इसे सिक्योर्ड कार्ड भी कहा जाता है. बैंक यह कार्ड एफडी के एवज में देते हैं. सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड किसी दूसरे क्रेडिट कार्ड की ही तरह काम करता है.इसमें क्रेडिट लिमिट, बिलिंग साइकल, पेमेंट की आखिरी डेट सभी होती हैं. लेकिन दोनों के बीच सिर्फ एक अंतर है. क्रेडिट कार्ड किसी की कर्ज हासिल करने या चुकाने की क्षमता देखकर नहीं दिया जाता.
कैसे मिलता है सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड?
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के लिए फॉर्म भरते समय बैंक एप्लीकेंट से एक निश्चित रकम मसलन 1 लाख रुपये की एफडी कराता है और उसे सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड जारी कर देता है. इसकी क्रेडिट लिमिट 75,000 रुपये हो सकती है. याद रखें ऐसे कार्ड के लिए क्रेडिट लिमिट एफडी राशि का 75 से 80 फीसदी ही होती है. अगर कार्ड होल्डर तय तारीख तक बकाया चुकाने में नाकाम रहता है और बकाया, जमा अमाउंट के आसपास पहुंचने लगता है तो बैंक उसकी एफडी तोड़ कर अपनी पूरी रकम वसूल लेता है.
बैंक और कार्ड होल्डर दोनों का फायदा
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड या सिक्योर्ड कार्ड जारी करने वाले बैंक और कार्ड होल्डर दोनों के लिए फायदे का सौदा है. इसमें बैंक की रकम पूरी तरह सुरक्षित रहती है, क्योंकि उसके पास एप्लीकेंट की एफडी होती है. अगर कार्ड होल्डर बिल पेमेंट करने में देर करता है बैंक एफडी तोड़ कर इसे वसूल लेता है. यही वजह है जिन लोगों का पेमेंट करने का रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं है उन्हें भी बैंक को कार्ड देने में गुरेज नहीं होता . सिक्योर्ड कार्ड के लिए क्रेडिट कार्ड की तरह इंतजार नहीं करना पड़ता. एफडी कराते ही बैंक सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड जारी कर देता है.
क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में कारगर
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको अपना क्रेडिट स्कोर बनाने और इसे सुधारने का मौका दे देता है. जैसे ही आप सही वक्त पर पेमेंट करते हैं आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में यह जुड़ता जाता है. सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं
जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर खराब है उन्हें सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड से अपना स्कोर सुधारने में मदद मिल जाती है. इससे कार्ड होल्डर की क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर होती है और यह आगे चल कर उसे आसानी से लोन दिलाने में मदद करती है.
कैसे चुनें अच्छा सिक्योर्ड कार्ड
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के फायदे भी किसी सामान्य क्रेडिट कार्ड की तरह ही होते हैं. फिर भी आपको कम से कम चार्ज और अधिक फीचर वाले सिक्योर्ड कार्ड ही लेना चाहिए. सिक्योर्ड लेने से पहले उन पर लगने वाले फाइनेंस चार्ज, क्रेडिट लिमिट, एनुअल चार्ज, रिवार्ड प्वाइंट सिस्टम, कैश बैक और छूट दूसरे बेनिफिट्स देख लेना चाहिए और बाजार में मौजूद दूसरे सिक्योर्ड कार्ड्स से तुलना कर लेना चाहिए.
किसका सिक्योर्ड कार्ड बेहतर ?
एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, इंड्सइंड और एचडीएफसी बैंक के अलावा कई बैंक सिक्योर्ड कार्ड जारी करते हैं. इनमें चुनाव से पहले सिक्योर्ड कार्ड की रेटिंग करनी वाली वेबसाइट्स की मदद भी ले सकते हैं. इनमें इनकी तुलना की जाती है, जिससे चुनाव आसान हो जाता है. बैंक बाजार डॉट कॉम के मुताबिक जुलाई 2019 में एसबीआई और आईसीआईसीआई के सिक्योर्ड कार्ड को अच्छी रैंकिंग दी गई है
देखें वीडियो : बैंक से कर्ज मिलने में है टेंशन तो डिजिटल लोन भी ऑप्शन
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