दिवाली से पहले एक अहम फैसले में वित्त मंत्रालय ने 2020-21 के लिए भविष्य निधि पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी है जिससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) लाभार्थियों के खातों में ब्याज जमा कर सकेंगे.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद श्रम मंत्रालय जल्द से जल्द नई दर को अधिसूचित करने की योजना बना रहा है. ईपीएफओ के पास 6.7 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक हैं और 6.9 लाख योगदान करने वाली युनिट्स हैं.
CBT ने मार्च में की थी इसकी सिफारिश
समझा जाता है कि ब्याज दर कर्ज और इक्विटी निवेश की बिक्री से 70,300 करोड़ रुपये की आय पर तय की गई है, जिससे ईपीएफओ के पास लगभग 300 करोड़ रुपये का सरप्लस रह गया है.
सेवानिवृत्ति निधि निकाय के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने मार्च में सिफारिश की थी कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाए. ये सिफारिश इक्विटी निवेश पर रिटर्न को ध्यान में रखते हुए की गई थी.
FY2021 के लिए, EPFO ने इक्विटी में निवेश को समाप्त करने का निर्णय लिया था अब त्योहारी सीजन से पहले लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ब्याज दर की पुष्टि करने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है.
ईपीएफओ ने कोरोना के चलते 2020-21 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर 2019 -20 की तरह ही बरकरार रखी थी. 31 दिसंबर तक, EPFO ने अग्रिम सुविधा के तहत प्रदान किए गए 14,310.21 करोड़ रुपये के 56.79 लाख दावों का निपटारा किया था.
ईपीएफओ की दर बाकी बचत साधनों में सबसे अधिक बनी हुई है. छोटी बचत दरें 4.0 प्रतिशत से 7.6 प्रतिशत तक होती हैं और बाजार दरों में गिरावट के बावजूद, हाल की तिमाहियों में इसमें बदलाव नहीं देखा गया है.
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