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घरों के दाम गिर गए फिर खरीदार आगे बढ़ने को क्यों तैयार नहीं

नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने में मुंबई अव्वल

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घरों के दाम घट गए हैं लेकिन खरीदने वाले नहीं बढ़े हैं. यानी रियल एस्टेट सेक्टर नोटबंदी के झटके से अब तक उबर नहीं पाया है. हर जगह घरों की कीमत कम हुई हैं लेकिन इसके बावजूद घर के दाम ना बढ़ने का मतलब है कि मांग नहीं बढ़ी है. इन सबके बाद भी नए प्रोजेक्ट लॉन्च में कोई कमी नहीं आई है.

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया की ताजा रिपोर्ट कहती है कि प्रॉपर्टी के धंधे में मंदी की वजह से घरों के दाम औसत तौर पर करीब 15 परसेंट घट गए हैं.

कस्टमर के लिए सबसे अच्छी बात ये है कि नए प्रोजेक्ट लॉन्च हो रहे हैं उनकी कीमत कम रखी गई है. जनवरी-जून में नए प्रोजेक्ट लॉन्च 46 फीसदी बढ़ गए हैं. लेकिन सरकार की तमाम योजनाओं का असर बिक्री में नहीं दिख रहा है. जनवरी से जून के दौरान होम सेल में केवल 3 फीसदी की वृद्धि हुई.

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नए प्रोजेक्ट लॉन्च में मुंबई अव्वल

प्रॉपर्टी पर इस रिपोर्ट के मुताबिक जो नए प्रोजेक्ट लॉन्च हुए हैं उनमें ज्यादातर कम कीमतों वाले हैं. आधे से ज्यादा (51%) फ्लैट 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले हैं. नए प्रोजेक्ट के मामले में मुंबई नंबर वन है जहां इसमें 128 परसेंट बढ़ोतरी हुई है. वहीं दिल्ली-एनसीआई और पुणे में ये 75 परसेंट रही.

मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, पुणे और कोलकाता में प्रॉपर्टी के दाम 10-15 फीसदी गिरे हैं. हैदराबाद एक मात्र ऐसा शहर है, जहां साल की पहले छमाही में प्रॉपर्टी के दाम 8 फीसदी बढ़े हैं.

झटके से नहीं उबरा प्रॉपर्टी बाजार

नवंबर 2016 में नोटबंदी हुई, इससे रियल एस्टेट इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा. इसके कुछ ही महीने बाद नया हाउसिंग लॉ 'रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट' आया. सेल्स और नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग लटक गई.

डेवलपर्स का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाउसिंग स्कीम से थोड़ा फायदा हुआ. खास तौर पर सस्ते घरों की डिमांड बढ़ी. लेकिन फिर भी नोटबंदी से लगे झटके से रियल एस्टेट इंडस्ट्री अब तक उबर नहीं पाई.

मुंबई में नए प्रोजेक्ट तो लॉन्च हुए लेकिन डिमांड नहीं बढ़ी

नए प्रोजेक्ट लॉन्च होने का मतलब नहीं कि डिमांड बढ़ गई है. मुंबई में नए प्रोजेक्ट लॉन्च होने में 128 फीसदी की बढोतरी आई है.

घर खरीदारों के लिए सबसे अच्छी बात यही है कि सप्लाई बढ़ने से घरों के दाम करीब 10 परसेंट तक कम हो गए हैं. हालांकि पिछले 5 सालों में फ्लैट का एरिया भी औसतन 12 परसेंट कम हो गए हैं.

डिमांड को बढ़ाने के लिए डेवलपर्स ग्राहकों को 24 महीने की किराए की गारंटी, स्टांप ड्यूटी माफी जैसे ऑफर दे रहे हैं. फिर भी लोग घर खरीदने के लिए ज्यादा जोश नहीं दिखा रहे हैं.

(इनपुट- ब्लूमवर्ग)

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