ADVERTISEMENTREMOVE AD

नोटबंदी, जीएसटी से गोल्ड हुआ महंगा, छिन गई ज्वैलरी मार्केट की चमक

मार्च में खत्म हुई तिमाही में गोल्ड की मांग में काफी गिरावट दर्ज हुई 

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारतीय बाजार में इन दिनों गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री घट गई है. गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी में गिरावट की वजह नोटबंदी और जीएसटी है. नोटबंदी और जीएसटी से सोने की बिक्री पर जो नकारात्मक असर पड़ा था उससे अभी तक यह उबर नहीं सकी है. रुपये के मूल्य में 2.5 फीसदी की गिरावट की वजह से सोना 4 से 4.5 फीसदी महंगा हो गया है. इससे भी ज्वैलरी की बिक्री घटी है.

मार्च में खत्म हुई तिमाही सोने के गहनों में कंज्यूमरों की दिलचस्पी घटती दिखाई दी. इस दौरान गोल्ड ज्वैलरी की मांग में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. पिछले एक दशक में किसी तिमाही में गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री का यह सबसे खराब प्रदर्शन है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसलिए घटी गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री

चीन के बाद सबसे ज्यादा गोल्ड की खपत भारत में होती है लेकिन नोटबंदी की वजह से पैदा हालातों और जीएसटी से छोटे ज्वैलर्स पर पड़े असर ने ज्वैलरी की बिक्री घटा दी. इससे अक्षय तृतीया से पहले मार्च में गोल्ड का आयात कम हो गया है.

इस बार पिछले साल की तुलना में जनवरी से मार्च के बीच शुभ दिनों की संख्या 7 थी जबकि पिछले साल इस अवधि में ऐसे दिनों की संख्या 22 थी. इससे भी सोने की बिक्री  घटी है. लेकिन असंगठित क्षेत्र के ज्वैलर्स अब भी जीएसटी के असर से उबर नहीं पाए हैं.इस वजह से भी ज्वैलरी की डिमांड घटी है.
पीआर सोमसुंदरम, मैनेजिंग डायरेक्टर- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल

ग्लोबल मार्केट में भी घटी गोल्ड की डिमांड

कुल मिलाकर सोने की मांग में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 115.6 टन रह गई. अंतरराष्ट्रीय बुलियन मार्केट में 2008 के वित्तीय संकट के बाद सोने की मांग के लिहाज से यह सबसे कमजोर तिमाही थी. दुनिया भर के बाजारों मे गोल्ड की मांग 7 फीसदी घट कर 973.5 टन पर पहुंच गई. गोल्ड बार के साथ गोल्ड आधारित ईटीएफ में निवेशकों का रुझान कम दिखा. हालांकि भारतीय बाजार में मांग की कमी की भरपाई काफी हद तक चीन और अमेरिकी बाजार में अच्छी बिक्री से हो गई. बहरहाल, ब्याज दर में बढ़ोतरी, कमजोर डॉलर और मजबूत ग्लोबल अर्थव्यवस्था से सोने के डिमांड में तेजी आएगी.

इनपुट - ब्लूमबर्ग क्विंट

ये भी पढ़ें - क्या पेटीएम पर सोना खरीदना है फायदे का सौदा?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×