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कोरोना से जंग : RBI का बड़ा फैसला, मौजूदा लोन 3 महीने तक EMI फ्री

पहले से लोन ले चुके लोग अगर तीन महीने तक EMI नहीं देते हैं तो उन पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी

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कोरोनावायरस से इकनॉमी को बड़ा झटका लगने की आशंका की वजह से आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती तो की ही है, EMI पेमेंट पर भी तीन महीने की रोक लगा दी है. लोगों की आमदनी घटने की आशंका को देखते हुए आरबीआई ने पहले से चले आ रहे (मौजूदा) लोन के EMI के पेमेंट पर तीन महीने की रोक लगाई है. इससे पहले से लोन ले चुके लोग अगर तीन महीने तक EMI नहीं देते हैं तो उन पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी और न कोई दूसरी कार्रवाई होगी.

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आरबीआई ने घटाया रेपो और रिवर्स रेपो रेट

इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया. अब रेपो रेट घट कर 4.4 फीसदी पर आ गया है. इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट 90 बेसिस प्वाइंट घटा कर 4 फीसदी कर दिया गया है. कैश रिजर्व रेश्यो यानी CRR में 100 बेसिस पॉइंट यानी एक फीसदी की कटौती की गई है. अब यह घट कर 3 फीसदी रह गया है. इस फैसले से बैंकों के पास 1.37 लाख करोड़ रुपये का कैश मौजूद होगा.

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इस रेट कटौती से न सिर्फ लोन के डिमांड में तेजी आएगी बल्कि यह कोरोनावायरस संकट में फाइनेंशियल मार्केट के सेंटिमेंट को भी मजबूती देगा.

इससे मनी मार्केट में कर्ज सस्ता हो सकता है साथ ही ईएमआई पेमेंट में रोक से रिटेल लोन लेने वालों को बड़े पैमाने पर फायदा होगा. इससे उनके पास इस संकट की स्थिति में ज्यादा कैश होगा जो उनके लिए इमरजेंसी फंड की तरह काम करेगा.
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कोरोनावायरस संकट में दुनिया भर में आर्थिक पैकेज

दुनिया भर के 40 केंद्रीय बैंकों ने कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुई आर्थिक सुस्ती को खत्म करने के लिए रेट कटौती का सहारा लिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले ही यह संकेत दिया था कि दुनिया भर में कोरोनावायरस की वजह से पैदा आर्थिक संकट से लड़ने के लिए केंद्रीय बैंकों की ओर से मिल-जुल कर कदम उठाने की जरूरत है.

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