देश में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट की वजह बने IL&FS घोटाले में ईडी ने पहली चार्जशीट दाखिल कर ली है. आला अधिकारियों के मुताबिक एमएलपीए एक्ट के तहत मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट के समक्ष शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल की गई. ईडी के आला अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.
570 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही हो चुकी है कुर्क
ईडी ने IL&FS की ओर से कर्ज चुकाने में होने में हुई चूक के मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की है. ईडी पहले ही इस मामले में करीब 570 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर चुका है. ईडी इस मामले में कई संपत्तियों, बैंक खातों और दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और ब्रसेल्स में स्थित कुछ अचल संपत्तियों को भी कुर्क करने के प्राथमिक आदेश जारी कर चुका है. कुछ अचल संपत्तियां कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल हैं. इनमें से कुछ संपत्तियां IL&FS के निदेशकों रवि पार्थसारथी, रमेश बावा, हरि शंकरन, अरुण साहा और रामचंद करुणाकरन की हो सकती हैं.
एजेंसी साहा और करुणाकरन को जून में गिरफ्तार कर चुकी है. अधिकारियों ने कहा कि एयरसेल के फाउंडर सी. शिवशंकरन और उनके परिवार वालों और समूह की कंपनियों के नाम पर परोक्ष तौर पर रखी गई कुछ संपत्तियों को भी कुर्क किया गया है. कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य करीब 570 करोड़ रुपए है.
IL&FS घोटाले ने पैदा किया था एनबीएफसी संकट
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दायर किया था. ईडी के आरोप पत्र में कहा गया है IL&FS के सीनियर मैनेजरों और अफसरों ने कमीशनखोरी की और रिश्वत ली. इन लोगों कंपनी कीमत पर अपना फायदा उठाया.
IL&FS कर्ज के गहरे दलदल में फंस गई थी. इसने के एक के बाद कई लोन डिफॉल्ट करने शुरू किए थे. समूह के बड़ी फाइनेंस कंपनियों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में बहुत ज्यादा एक्सपोजर होने की वजह से फाइनेंसिंग मार्केट में अफरातफरी फैल गई थी, इसका असर अभी भी जारी है.
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