कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मंगलवार, 28 मार्च को 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (PF) पर 8.15 प्रतिशत ब्याज दर तय की है. कर्मचारी के भविष्य निधि (EPF) पर ब्याज दर बढ़ने का करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा. यह फैसला ईपीएफओ के ट्रस्टी बोर्ड ने लिया है.
पिछले साल ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ब्याज दर 8.1 फीसदी घोषित की थी, जो 40 साल में सबसे कम थी. पिछली बार 1977-78 में ब्याज दर गिरकर 8 फीसदी पर आ गई थी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर वित्त मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी.
मार्च 2020 में, ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत के सात साल के निचले स्तर पर घटा दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था.
सीबीटी, केंद्रीय श्रम मंत्री की अध्यक्षता में और नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ, ब्याज दर की सिफारिश करता है जिसे वित्त मंत्रालय चेक कर ठीक करता है. इसके बाद, इसे श्रम मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाता है और ईपीएफओ द्वारा ग्राहकों के खातों में जमा किया जाता है.
कई सालों से, वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ द्वारा उच्च दर को बनाए रखने पर सवाल उठाया है और ब्याज को घटाकर 8 प्रतिशत के स्तर पर लाने के लिए जोर दिया है. ईपीएफओ की दर सेविंग स्कीम और अन्य बचत साधनों से बेहतर है. छोटी बचत दरें 4.0 प्रतिशत से 7.6 प्रतिशत तक होती हैं और आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में बदलाव के बावजूज इनकी ब्याज दरों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है.
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