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रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह गिरफ्तार,धोखाधड़ी के आरोप 

रेलिगेयर फिनवेस्ट की एक शिकायत पर शिविंदर सिंह को गिरफ्तार किया गया है

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दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. उनके साथ सुनील गोधवानी को भी गिरफ्तार किया गया है. रेलिगेयर फिनवेस्ट की एक शिकायत पर इन्हें गिरफ्तार किया गया है.

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मलविंदर, शिविंदर पर 740 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सब्सिडरी रेलिगेयर फिनवेस्ट (RFL) ने शिविंदर सिंह और उनके भाई मलविंदर मोहन सिंह के खिलाफ दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी का भी नाम था. मलविंदर, शिविंदर और गोधवानी पर चीटिंग, फ्रॉड और 740 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग का आरोप है.

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मलविंदर और शिविंदर के बीच चल रहा है झगड़ा

फरवरी 2018 में मलविंदर और शिविंदर के निकल जाने के बाद रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के बोर्ड का पुनर्गठन हुआ था. रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के नए बोर्ड और मैनेजमेंट की इंटरनल इनक्वायरी के आधार पर यह शिकायत दर्ज कराई गई थी. फरवरी 2018 तक रेलिगेयर इंटरप्राइजेज का कंट्रोल सिंह भाइयों (मलविंदर और शिविंदर) के हाथ में था. रेलिगेयर फिनवेस्ट में अब अलग-अलग क्षेत्र के प्रोफेशनल हैं, जिनका प्रमोटर्स से कोई संबंध नहीं है. इसी बोर्ड की इनक्वायरी में 740 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग सामने आया है. इसके बाद से दोनों की गिरफ्तारी के आसार जताए जा रहे थे.

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शिविंदर और मलविंदर के बीच पहले से ही भारी विवाद चल रहा है. दिसंबर, 2018 में दोनों के बीच झगड़े के बीच शिविंदर ने कहा था कि अब साथ काम करने की सारी संभावना खत्म हो चुकी है. फोर्टिस और रैनबैक्सी के प्रमोटर रहे दोनों भाइयों के बीच झगड़ा फंड को लेकर बढ़ा था.
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दरअसल, जापानी दवा कंपनी डाइची सैंक्यो को 3,500 करोड़ रुपये के पेमेंट आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को लेकर दोनों के बीच झगड़ा और बढ़ गया था. सितंबर 2018 में शिविंदर ने NCLT में एक पिटीशन दायर कर कहा था कि मलविंदर और रेलिगेयर के पूर्व चीफ सुनील गोधवानी की गतिविधियों की वजह से कंपनी को झटका लगा है.

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