ADVERTISEMENTREMOVE AD

इंश्योरेंस में 74 % एफडीआई की तैयारी, बजट में हो सकता है ऐलान

भारत में इंश्योरेंस कवरेज काफी कम है इसलिए विदेशी कंपनियों को यहां बड़ा बाजार नजर आ रहा है

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सरकार इंश्योरेंस कंपनियों में 74 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे सकती है. फरवरी में पेश होने वाले बजट में इसका ऐलान हो सकता है. फिलहाल इंश्योरेंस कंपनियों में 49 फीसदी एफडीआई की अनुमति है. एफडीआई सीमा बढ़ाने से मालिकाना हक विदेशी इंश्योरेंस कंपनियों के पास हो सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार ने स्टेकहोल्डर्स से मांगी राय

इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी इरडा ने 2 दिसंबर को पत्र लिख कर इंश्योरेंस सेक्टर के सभी स्टेकहोल्डर्स से इस बारे में राय मांगी है. इसे बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र के मुताबिक इंश्योरेंस कंपनियों और कुछ दूसरे स्टेकहोल्डर्स से एफडीआई बढ़ाने के बारे में राय मांगी गई है. हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्रालय और इरडा ने कोई जवाब नहीं दिया है.

सरकारी सूत्रों का कहना है इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को धीरे-धीरे 74 फीसदी तक लाने की बात हो रही है लेकिन विदेशी कंपनियों का कहना है कि यह बगैर किसी देरी के होना चाहिए. सरकार ने इस साल 2 सितंबर को इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज कंपनियों में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दे दी थी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

2015 में एफडीआई सीमा 26 से बढ़ कर 49 फीसदी हो गई थी

सरकार ने 2015 में इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा 26 फीसदी से बढ़ा कर 49 फीसदी कर दी थी. इसके पहले 49 फीसदी एफडीआई के लिए एफआईपीबी की अनुमति लेनी पड़ती थी. 2015 में एफडीआई सीमा बढ़ाए जाने के बाद भारतीय इंश्योरेंस कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर में कई विदेशी कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इंश्योरेंस कंपनियों में एफडीआई बढ़ाने के लिए सरकार को इंश्योरेंस एक्ट में संशोधन करना होगा. इंश्योरेंस कंपनियों में विदेशी बैंक भी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं. हालांकि सरकार का विदेशी बैंकों के बारे में अनुभव अच्छा नहीं रहा है. लिहाजा सरकार इंश्योरेंस कंपनियों में एफडीआई बढ़ाने का कानून लाने के वक्त इस पर खास ध्यान रखेगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×