क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार विधेयक पेश करने जा रही है. बताया गया है कि सरकार "द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021" को संसद में पेश करेगी.
बता दें कि इस बिल के जरिए सरकार सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाना चाहती है. इसमें सिर्फ उसी डिजिटल करेंसी को मान्यता दी जाएगी, जो आरबीआई की तरफ से जारी होगी.
क्रिप्टोकरेंसी का विरोध
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर लगातार बहस छिड़ी है. जहां दुनिया के तमाम देश इसे अपना रहे हैं, वहीं भारत का रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है. आरबीआई का इस तरह की करेंसी देश की वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. आरबीआई की तरफ से इसके तमाम खतरे गिनाए गए हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग का बढ़ना और करेंसी की डिमांड कम होना जैसे खतरे शामिल हैं.
सरकार का क्या है स्टैंड?
अब केंद्र सरकार की बात करें तो वो क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन के पक्ष में नहीं है. लेकिन इसके लिए एक ऐसा सिस्टम चाहती है, जिससे ज्यादा खतरा न हो. इसीलिए कानून बनाकर इसके लिए नियम कायदे तय किए जा रहे हैं. जिसके बाद आरबीआई के मुताबिक ही लोग ऐसी किसी करेंसी का इस्तेमाल कर पाएंगे.
बता दें कि आने वाले संसद सत्र में कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे. जिनमें क्रिप्टोकरेंसी के अलावा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का विधेयक भी शामिल होगा.
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