जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में दो महीने तक की ढील दे दी है. इससे जीएसटी के लिए खुद को तैयार करने के लिए कारोबारियों को अतिरिक्त समय मिल जाएगा. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साफ-साफ कहा कि रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में छूट दी जाएगी लेकिन जीएसटी तय समय पर लागू किया जाएगा.
जेटली ने 30 जून की आधी रात से जीएसटी के पूरे देश में लागू होने से पहले हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा, "जीएसटी काउंसिल पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने पर सहमत है. कई सारी कंपनियों और कारोबारों ने अपनी खुद की तैयारी न होने का मुद्दा उठाया है. लेकिन हमारे पास जीएसटी को टालने का समय नहीं है."
रिटर्न दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय
तैयारियों को लेकर अरुण जेटली ने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक रजिस्टर्ड कारोबारियों को उनके प्रोविजनल जीएसटी रजिस्ट्रेशन मिल चुके हैं. कुछ नए कारोबार जीएसटी के अधीन पहली बार आएंगे.
जेटली ने कहा, "अगर आप रजिस्ट्रेशन के पुराने सिस्टम से लें, तो इसमें 80.91 लाख करदाता हैं, जिनमें से कुछ बाहर हो जाएंगे. रजिस्ट्रेशन की स्थिति संतोषजनक होगी और 65.6 लाख को प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन पहले ही मिल चुका है, जो रिटर्न दाखिल करने के लिए पर्याप्त है."
जीएसटी काउंसिल के फैसले से राहत
काउंसिल ने कारोबारों को रिटर्न दाखिल करने के लिए पहले दो महीनों (जुलाई-अगस्त) में ढील दे दी है. इन्हें शुरुआत में एक साधारण-सा घोषणापत्र सौंपने की जरूरत होगी, और बाद में ‘इनवॉयस-बाय-इनवॉयस डेटा’ सौंपने के लिए उन्हें समय मिल जाएगा.अरुण जेटली, केंद्रीय वित्तमंत्री
जीएसटी काउंसिल के इस फैसले के बाद कई कारोबारियों ने कहा कि इस कदम से कारोबारों को अपनी आईटी सिस्टम तैयार करने के लिए और नए टैक्स सिस्टम को अपनाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)