प्राईवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक HDFC Bank और देश की सबसे बड़ी हाउसिंह फाइनेंस कंपनी HDFC का विलय होने जा रहा है. सोमवार, 4 अप्रैल को दोनों संस्थाओं ने मर्जर का ऐलान किया, जिससे इंडियन फाइनेंसियल सेक्टर में एक बड़े सौदे का मंच तैयार हो गया है. मर्ज होने के ऐलान के बाद दोनों संस्थाओं के शेयर्स की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. सुबह करीब 10 बजे HDFC का स्टॉक 13.60 प्रतिशत बढ़ा हुआ था, इसी प्रकार HDFC Bank के स्टॉक में भी दस प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
क्या है विलय की योजना?
ट्रांजैक्शन स्ट्रक्चर के मुताबिक एचडीएफसी लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है, जिसका Assets Under Management (AUM) 5.26 ट्रिलियन रुपये है और मार्केट कैप 4.44 ट्रिलियन रुपये है. इसका विलय एचडीएफसी बैंक के साथ होगा, जो कि भारत का सबसे बड़ा प्राईवेट बैंक है, जिसका मार्केट कैप 8.35 ट्रिलियन है.
एचडीएफसी लिमिटेड की सहायक कंपनी या सहयोगी को भी एचडीएफसी बैंक में स्थानांतरित किया जाएगा.
ट्रांजैक्शन का शेयर स्वैप रेशियो क्या है?
रिकॉर्ड के मुताबिक एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरधारक 25 शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर प्राप्त करेंगे.
कैसे बदलेगी ओनरशिप?
दोनो संस्थाओं के मर्ज होने के बाद एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड की हिस्सेदारी समाप्त हो जाएगी और एचडीएफसी बैंक पब्लिक शेयरहोल्डर्स के स्वामित्व में 100 प्रतिशत हो जाएगा. एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरहोल्डर्स एचडीएफसी बैंक के 41% हिस्से के मालिक होंगे.
विलय होने के बाद दोनों संस्थाओं को कैसे फायदा होगा?
दोनों कंपनियों ने कहा कि कम्बाइंट एंटिटी दोनों की ताकतें साथ लाएंगी. संस्थाओं के मर्ज होने के बाद HDFC Banks के कस्टमर्स मोर्टगेज को भी कोर प्रोडक्ट की तरह ही प्रयोग में ला सकेंगे. दोनों कंपनियों के बोर्ड का मानना है कि इस डील से कस्टमर्स, एंप्लॉइज और शेयरहोल्डर्स सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए लॉन्ग टर्म वेल्यू का क्रिएशन होगा. इस विलय से सरकार के Housing For All के विजन को भी ताकत मिलेगी.
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