घोटाले में फंसी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी IL&FS के अधिकारियों ने ग्रुप की कंपनियों को ऊंची रेटिंग दिलाने के लिए रेटिंग एजेंसियों के अधिकारियों को मुफ्त तोहफे दिए. घोटाले से जुड़ी जांच से पता चला है कि IL&FS के अधिकारियों ने रेटिंग एजेंसियों के मैनेजरों और उनके परिवार के लोगों को रीयल मैड्रिड फुटबॉल मैच के टिकट से लेकर महंगी कमीजें, फिटबिट बैंड और मकान खरीदने में छूट जैसे तोहफे दिए. जांच के दौरान दो रेटिंग एजेंसियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने उनके सीईओ को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है.
IL&FS के अधिकारियों और रेटिंग एजेंसियों के मैनजरों में मिलीभगत
कंपनी की फोरेंसिक जांच कर रही ग्रांट थोर्टन ने IL&FS अधिकारियों और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के बीच ई-मेल की जांच की है. इससे पता चला है IL&FS के अधिकारियों और रेटिंग एजेंसियों के मैनजरों में मिलीभगत थी, जिसकी वजह से रेटिंग एजेंसियों को जरूरत से ज्यादा ऊंची रेटिंग मिली.
ग्रांट थोर्टन के ऑडिट से संकेत मिले हैं कि IL&FS के अधिकारियों ने रेटिंग एजेंसियों, ICRA, CARE, INDIA RATINGS और BRICWORKS के मैनेजरों को ऊंची रेटिंग देने के लिए प्रलोभन दिए. पिछले साल कंपनी ध्वस्त हो गई. लेकिन उसके हालात तीन साल साल पहले ही खराब हो गए थे इसके बावजूद ग्रुप की कंपनियों को अच्छी रेटिंग मिल रही थी. ब्लूमबर्गक्विंट की खबर के मुताबिक ग्रांट थोर्टन ने 3 दिसंबर 2014 के एक ई-मेल का हवाला दिया है, जिसमें IL&FS के अधिकारियों ने इंडिया रेंटिग्स के अधिकारियों को खराब रेटिंग को थोड़ा नरम करने को कहा था.
म्यूचुअल फंड, पीएफ और इंश्योरेंस फंड्स ने लगाए थे 20 हजार करोड़
म्यूचुअल फंड, प्रॉविडेंट फंड और इंश्योरेंस फंड्स ने IL&FS और इस ग्रुप की दूसरी कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था. ये निवेश ग्रुप और इसकी यूनिट्स को ऑडिट रिपोर्ट और उन्हें दी गई रेटिंग के आधार पर किए गए. पिछले महीने सरकार ने ऑडिट फर्म डेलायट हैसकिन एंड सेल्स और बीएसआरए एंड कंपनी को IL&FS के फंसे हुए लोन छिपाने के मामले में पांच साल के लिए बैन करने की प्रक्रिया शुरू की थी.
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