ADVERTISEMENT

वर्ल्ड बैंक के बाद IMF ने घटाया ग्रोथ रेट अनुमान,6.8 से 6.1% किया

आईएमएफ से पहले मूडीज रेटिंग्स, आरबीआई और वर्ल्ड बैंक भी भारत का ग्रोथ रेट अनुमान घटा चुका है

Updated
वर्ल्ड बैंक के बाद IMF ने  घटाया ग्रोथ रेट अनुमान,6.8 से 6.1% किया
i

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

वर्ल्ड बैंक के बाद अब आईएमएफ ने भारत का ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है. आईएमएफ ने 2018 में भारत का ग्रोथ रेट अनुमान 6.8 फीसदी रखा था लेकिन 2019 के लिए इसे घटा कर 6.1 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने ग्लोबल ग्रोथ रेट अनुमान भी घटा कर 3 फीसदी कर दिया है.

ADVERTISEMENT

हालांकि आईएमएफ ने 2020 के लिए इंडियन इकनॉमी की इससे अच्छी तस्वीर पेश की है. उसका आकलन है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत में आर्थिक विकास दर 7 फीसदी रहेगी. इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने भारत का ग्रोथ रेट अनुमान 7.5 फीसदी से घटा कर 6 फीसदी कर दिया था. वर्ल्ड बैंक ने यह भी कहा था कि भारी स्लोडाउन पहले से ही संकट में चल रहे फाइनेंशियल सेक्टर की स्थिति और खराब कर सकता है.

ADVERTISEMENT

पहली तिमाही में ग्रोथ रेट घट कर 5 फीसदी हो गया था

अप्रैल में वर्ल्ड बैंक ने 7.5 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था. लेकिन इसके बाद पहली तिमाही में ग्रोथ रेट गिर कर कर 5 फीसदी हो गया. यह छह साल का सबसे खराब प्रदर्शन था. देश में कंज्यूमर डिमांड घटने और सरकार की ओर से किए जाने वाले खर्च में कमी से इकनॉमी की रफ्तार धीमी हो गई है.

दरअसल पिछले कुछ महीनों से इकनॉमी के लगभग सारे इंडिकेटर्स खराब प्रदर्शन कर रहे हैं. औद्योगिक उत्पादन तेजी से गिरा है. अगस्त में इसका प्रदर्शन पिछले छह साल में सबसे खराब रहा. साफ है कि इकनॉमी को रफ्तार देने की सरकार की कोशिश रंग नहीं ला रही है.

इकनॉमी को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक इस साल पांच बार ब्याज दर घटा चुका है. अर्थव्यवस्था की दिक्कतों को देखते हुए आरबीआई ने खुद अपना ग्रोथ रेट अनुमान 6.9 फीसदी से घटा कर 6.1 फीसदी कर दिया था.
ADVERTISEMENT

मूडीज ने भी घटाया था ग्रोथ रेट अनुमान

पिछले सप्ताह मूडीज ने भी भारत का ग्रोथ रेट अनुमान 6.2 फीसदी से घटा कर 5.8 फीसदी कर दिया था. मूडीज ने यह भी कहा था कि कमजोर ग्रोथ की वजह से सरकार के राजकोषीय प्रबंधन को झटका लग सकता है.

वर्ल्ड बैंक ने अपने हालिया अनुमान में भी इकनॉमी को लेकर ऐसी ही चिंता जताई है. बैंक ने कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से भारतीय अर्थव्यवस्था को 1.5 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. हालांकि बैंक ने अगले वित्त वर्ष में हालात में सुधार की उम्मीद जताई है. उसका कहना है कि अगले साल आर्थिक विकास दर 6.9 फीसदी रह सकती है.

ADVERTISEMENT

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×