भारतीय मूल के एक और नागरिक ने विश्व के एक बड़े मंच तक पहुंच कर भारत का नाम रोशन किया है. विश्व बैंक ने बहुपक्षीय विकास बैंक (Multilateral Development Bank) में विकास अर्थशास्त्र के लिए भारतीय नागरिक इंदरमीत गिल (Indermit Gill) को मुख्य अर्थशास्त्री और सीनियर वाइस प्रेजिडेंट के पद पर नियुक्त किया है. उनकी नियुक्ति 1 सितंबर 2022 से प्रभावी होगी. विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने अपने एक बयान में कहा,
"इंदरमीत गिल के पास नेतृत्व, विशेषज्ञता, आर्थिक असंतुलन, विकास, गरीबी, संस्थानों, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन पर देश की सरकारों के साथ काम करने का व्यावहारिक अनुभव है."
इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे भारतीय
गिल विश्व बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में सेवा देने वाले दूसरे भारतीय होंगे. इस पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय कौशिक बसु थे, जिन्होंने 2012-2016 अपनी भूमिका निभाई थी. रघुराम राजन और गीता गोपीनाथ ने भी विश्व बैंक की सहयोगी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्य किया है.
एक ट्विटर पोस्ट में, गिल ने कहा कि "बैंक के पूर्ववर्ती मुख्य अर्थशास्त्री कारमेन रेनहार्ट ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. मैं उनके पदचिन्हों पर चलने के इस मौके से सम्मानित महसूस कर रहा हूं."
विकास अर्थशास्त्र में अपने योगदान के लिए गिल काफी सम्मानित व्यक्तियों में से हैं. गिल ने आर्थिक भूगोल पर 2009 की प्रभावशाली वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट का नेतृत्व किया था. उनके बड़े कामों में से एक "Medium Income Trap" की अवधारणा है, जिसमें ये बताया गया कि कैसे विकासशील देश आय के एक निश्चित स्तर तक पहुंचने के बाद स्थिर हो जाते हैं. उन्होंने विकासशील देशों के सामने नीतिगत मुद्दों, संप्रभु ऋण, हरित विकास, श्रम बाजार, गरीबी, असमानता, प्राकृतिक संसाधन के प्रबंधन जैसे मुद्दों पर खूब लिखा है.
गिल फिलहाल बैंक में समान विकास (equitable growth), वित्त और संस्थानों के वाइस प्रेजिडेंट हैं. वे मैक्रोइकॉनॉमिक्स, ऋण, व्यापार, गरीबी और शासन पर होने वाले कामों का नेतृत्व करते हैं.
दिल्ली से BA, MA, शिकागो से PhD
2016 और 2021 के बीच, वह ड्यूक विश्वविद्यालय में पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर और ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में वैश्विक अर्थव्यवस्था और विकास कार्यक्रम में फेलो थे. गिल ने जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय और शिकागो विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया है. गिल ने शिकागो विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में PhD की है. उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से MA और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में BA (ऑनर्स) किया है.
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