निवेशकों के बीच LIC ने अपने आईपीओ को लॉन्च करने से पहले खूब माहौल बनाया, आईपीओ ओवरसब्सक्राइब भी हुआ लेकिन लिस्ट होने के बाद एलआईसी का शेयर 20 दिनों में 902-949 प्रति शेयर से गिरकर 755 रुपये के आसपास (7 जून को) कारोबार कर रहा है. शेयर धारकों को करीब 1.08 लाख करोड़ स्वाहा हो गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि अब शेयर धारकों को क्या करना चाहिए? क्या पैसा निकलाना अच्छा होगा या रुकना फायदमंद है?
लिस्ट होते समय देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपयों के आसपास आंका जा रहा था लेकिन आज LIC का मार्केट कैप 4.91 लाख कोरड़ रुपये के आसपास आ गया है.
LIC के निवेशक क्या करें?
एक्सपर्ट राजीव तलरेजा क्विंट हिंदी से कहते हैं कि कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं यानि कंपनी आनेवाले समय में खुद की आय में और बढ़ोतरी करेगी. अगर आपको कंपनी पर भरोसा हैं तो इसे जरूर होल्ड करके रखे, आगे फायदेमंद होगा. जिन्हें शेयर मार्केट से वेल्थ बनानी होती हैं उन्हें लंबे समय तक होल्ड करना होगा. Biz2Credit के सीईओ रोहित अरोड़ा भी क्विंट हिंदी से कहते हैं कि-
लॉन्ग टर्म के लिए सोच रहे हैं तो इसे होल्ड करना फायदे का सौदा होगा. शॉर्ट टर्म में मुझे लगता है कि इसके शेयर का प्राइस अभी और गिरेगा.
एलआईसी के संबंध में क्विंट हिंदी से बात करते हुए बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि
दुनियाभर में शेयर मार्केट गिर रहे हैं और हाल के वातावरण में मार्केट को ढलने में समय लगेगा. इसलिए फिलहाल मार्केट में हो रही उथल-पुथल से पैसा कमाने की सोच रखने की बजाय मार्केट को थोड़ा समय देना चाहिए. बुरे दौर के बाद अच्छा दौर भी जरूर आता ही आता है. मार्केट को टाइम करने की बजाय मार्केट को टाइम दीजिए. इसलिए फिलहाल आपका पैसा जहां लगा हुआ है उसे वहीं लगे रहने दीजिए, मार्केट के स्थिर होने का इंतजार कीजिए.
टिप्स टू ट्रेड्ज की सीईओ पवित्रा शेट्टी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि, यदि एलआईसी का शेयर 824 के ऊपर बंद नहीं होता तब तक इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं देखी जा सकती. वहीं शेयर इंडिया सिक्यॉरिटी के वीपी और रिसर्च हेड रवि सिंह कहते हैं कि, आने वाले कारोबारी दिनों में यह 750-700 के स्तर को भी छू सकता है.
इसके पीछे की वजह बढ़ती महंगाई (Inflation) और इक्विटी मार्केट को लेकर बीमा सेक्टर की अतिसंवेदनशीलता को बताया गया.
शेयर मार्केट एक्सपर्ट मिलन वैष्णव ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि, एलआईसी अब भी उसी प्रक्रिया में है जब किसी शेयर का प्राइस मार्केट में फिक्स होता है. मतलब अभी भी एलआईसी का शेयर मार्केट में डिमांड-सप्लाय के बीच झूल रहा है. ऐसे में मिलन कहती हैं कि कुछ दिन और इंतजार करने के बाद ही इससे जुड़ा कोई फैसला लें.
इकनॉमिक्स टाइम्स से बातचीत में कोटक महिंद्रा पीएमएस के सीआईओ अंशुल सैगल ने कहा कि, जब भी आप निवेश के बारे में सोचें तो कंपनी के फंडामेंटल्स पर भी नजर दौड़ाए और लॉन्ग टर्म की सोचें. अगर मार्केट पर आए शॉर्ट टर्म रिस्क को आप मैनेज कर सकते हैं तो अपने शेयर्स को होल्ड करके रखें. क्योंकि लॉन्ग टर्म में सबकुछ ठीक होने पर मार्केट में सुधार होगा और आपका फायदा होगा.
आप लॉन्ग टर्म तक होल्ड नहीं कर सकते तो आपको बखूबी अपना पैसा निकाल लेना चाहिए. लेकिन प्रॉफिट लॉन्ग टर्म में है.कोटक महिंद्रा पीएमएस के सीआईओ अंशुल सैगल
कई एक्सपर्ट का मानना है कि अभी लंबे समय तक शेयर बाजार दबाव में रहने वाला है, एक तरफ विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं, दूसरी ओर रुपया डॉलर के मुकाबले अपनी मजबूती खो रहा है. फिर महंगाई की समस्या ने निर्माण करने वाली कंपनियों समेत कई कंपनियों के वर्किंग कैपिटल पर दबाव डाला है जिसकी वजह से इनके प्रॉफिट पर असर पड़ेगा और परिणाम साफतौर पर इनके गिरते शेयर्स पर दिखेगा. एक्सपर्ट का मानना है कि संभवत: अगले दो तिमाही तक यानि छह महीनों तक समस्या गंभीर बनी रहेगी.
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