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यूरोप में मेटा ने दी फेसबुक और इंस्टाग्राम को बंद करने की धमकी

कंपनी ने डेटा प्राइवेसी कानूनों के बारे में भी चिंता व्यक्त की है

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गुरुवार, 3 फरवरी को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को मेटा (Meta) कंपनी ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा कि डेटा रेगुलेशन्स के कारण यूरोप में फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) को बंद किया जा सकता है. यूरोपीय डेटा रेगुलेशन्स कंपनियों को युनाइटेड स्टेट्स में स्थित सर्वरों को यूरोप में जनरेट हुए डेटा को भेजने से रोकते हैं. मेटा का कहना है कि एडवर्टाइजिंग को टार्गेट करने की उसकी क्षमता सीमित हो जाएगी, जो अपने रेवेन्यू का लगभग 98 फीसदी एडवर्टाइजिंग से कमाता है.

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रिपोर्ट में कहा गया कि अगर हम उन देशों और क्षेत्रों के बीच डेटा ट्रांस्फर करने में असमर्थ हैं, जिनमें हम काम करते हैं तो इससे सर्विस प्रोवाइड करने की हमारी क्षमता पर असर पड़ सकता है.

मेटा एक नए ट्रान्साटलांटिक डेटा ट्रांसफर फ्रेमवर्क के लिए उम्मीद जैसी है. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो यूरोप में फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित हमारे कई सबसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म और उनकी सर्विसेज की पेशकश करने में परेशानी होगी.

भारत के बारे में चिंतित मेटा

मेटा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वह अगस्त 2016 और 2021 में व्हाट्सएप की सेवा की शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी के अपडेट, अन्य मेटा प्रोडक्ट्स और उसकी सेवाओं के साथ कुछ डेटा शेयर करने के संबंध में यूरोप और भारत के न्यायालयों में जांच और मुकदमों का हिस्सा बनी हुई है.

कंपनी ने डेटा प्राइवेसी कानूनों के बारे में भी चिंता व्यक्त की है, जिन पर कई देशों द्वारा विचार किया जा रहा था.

भारत और कुछ अन्य देश डेटा प्रोटेक्शन जरूरतों को लागू करने या लोकल स्टोरेज और डेटा प्रोसेसिंग या इसी तरह की जरूरतों को लागू करने वाले कानूनों पर विचार कर रहे हैं. इसके अलावा कई जगहों पर कानून भी बनाया जा चुका है, जो हमारी सर्विसेज देने की कॉस्ट और जटिलता को बढ़ा सकते हैं.

2019 के दौरान एक पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल संसद में पेश किया गया था और ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजा गया था. दो साल बाद, जेपीसी की रिपोर्ट दिसंबर के दौरान संसद में पेश की गई, जिसमें विधेयक को कमजोर करने का सुझाव दिया गया था.

यूरोपीय डेटा रेगुलेशन्स क्या कहते हैं?

2016 में, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोपीय यूनियन से अमेरिका में ट्रांस्फर्ड डेटा के लिए एक ट्रांस्फर फ्रेमवर्क पर सहमति व्यक्त की थी, जिसे प्राइवेसी शील्ड कहा जाता है.

इसे जुलाई 2020 में यूरोपीय यूनियन के कोर्ट (CJEU) द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि प्राइवेसी शील्ड ने अमेरिकी अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपायों और निवारण के प्रभावी साधनों के बिना यूरोपीय संघ के निवासियों के बारे में पर्सनल डेटा कलेक्ट करने का अधिकार दिया था.

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Schrems II नाम का फैसला Google, Microsoft और Amazon सहित हर अमेरिकी कंपनी को प्रभावित करता है, जिनकी क्लाउड सेवाएं आधुनिक इंटरनेट उपयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई हैं.

मेटा के वीपी ऑफ ग्लोबल अफेयर्स निक क्लेग ने CityAm को बताया कि हम रेगुलेटर्स से आग्रह करते हैं कि वे हजारों बिजनेस में आने वाली परेशानियों को कम करने के लिए आनुपातिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं, जो फेसबुक की तरह, डेटा को सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर करने के लिए अच्छे विश्वास में इस प्रकार के मैकेनिज्म पर भरोसा कर रहे हैं.

बता दें कि, मेटा के शेयर पिछले हफ्ते लगभग 26 प्रतिशत गिर गए. इस दौरान 250 अरब डॉलर या कंपनी के मार्केट वैल्यू के एक चौथाई से अधिक का नुकसान हुआ. यह एक खराब अर्निंग की एक डायरेक्ट रिएक्शन रिपोर्ट थी.

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