ADVERTISEMENTREMOVE AD

कर्ज में डूबा NHAI,सरकार ने कहा-फिलहाल रोक दें सड़कें बनाना

पीएमओ ने NHAI को चिट्टी लिख कर कामकाज का मॉडल बदलने के उपाय सुझाए हैं 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

देश में नेशनल हाईवे और सड़कों का निर्माण करने वाले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI कर्ज के बोझ से दब गया है. पीएमओ ने उसे चिट्ठी लिख कर फिलहाल सड़क बनाने पर रोक लगाने की नसीहत दी है

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मिंट के मुताबिक पीएमओ ने NHAI को चिट्ठी लिख कर कहा है कि वह फिलहाल सड़कें बनाना छोड़ दे और प्राइवेट सेक्टर को पूरे हो चुके प्रोजेक्ट को टेकओवर के लिए प्रेरित करे.
0

NHAI को ऑपरेशन परफॉरमेंस सुधारने की नसीहत

इस बारे में ब्लूमबर्गक्विंट के पास जो दस्तावेज हैं, उनके मुताबिक पीएमओ ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सेक्रेट्री को चिट्ठी लिख कर NHAI का ऑपरेशन परफॉरमेंस सुधारने का सुझाव दिया है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि बगैर प्लानिंग और सड़कों के बहुत ज्यादा विस्तार से परियोजनाओं में रुकावट पैदा हो गई हैं. NHAI को सड़क निर्माण और जमीन अधिग्रहण के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है.

इस चिट्ठी में कहा गया है कि रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए पैसे की कमी आड़े आ रही है. निजी निवेशक और कंस्ट्रक्शन कंपनियां नई परियोजनाओं से हाथ खींचने लगी हैं. सड़क निर्माण का हाईब्रिड एन्युटी मॉडल फेल होता जा रहा है. इस मॉडल के तहत सरकार और प्राइवेट डेवलपर नई सड़कें बनाने का खर्च साझा करते हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

पीएमओ ने सुझाए ये उपाय

मिंट के मुताबिक पीएमओ ने इस समस्या से निपटने के लिए NHAI से मौजूदा संपत्तियों से पैसा कमाने का सुझाव दिया है. उसने इस दिशा में कुछ उपाय सुझाए हैं. इनमें शामिल हैं टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल, जिसमें सबसे बड़ी बोली लगाने वालों को टोल रेवेन्यू जमा करने के लिए लंबे समय तक छूट दी जाती है. इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्ट ट्रस्ट बनाने का भी सुझाव दिया गया है, जो इनकम पैदा करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट का प्रबंधन करता है.

पीएमओ ने कहा है कि NHAI चाहे तो रोड एसेट मैनेजमेंट कंपनी बना सकता है और नेशनल हाईवे ग्रिड का ब्लू प्रिंट तैयार कर सकता है. इसके जरिये यह तय किया जा सकता है कि 2030 तक कौन सी सड़कें बनानी हैं. पीएमओ ने कहा है कि एनएचएआई को यह देखना होगा कि कौन ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनको पैसे की कमी की वजह से पूरा करना संभव नहीं हो रहा है. जरूरत पड़ी तो सरकार इसके लिए वाइबेलिटी गैप फंडिंग मुहैया करा सकती है.

पीएमओ ने NHAI को चिट्टी लिख कर कामकाज का मॉडल बदलने के उपाय सुझाए हैं 
पैसे की कमी की वजह से मौजूदा सड़क परियोजनाओं को पूरा करना संभव नहीं हो रहा है.
(फोटो : रॉयटर्स) 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस तरह बढ़ रहा है NHAI का कर्ज

वित्त वर्ष 2013-14 में नेशनल हाईवे बनाने की रफ्तार प्रति दिन 12 किलोमीटर थी लेकिन 2018-19 आते-आते यह स्पीड बढ़ कर 27 किलोमीटर प्रति दिन हो गई. इस वजह से NHAI का 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया. इस रफ्तार से वित्त वर्ष 2022-23 इसका कर्ज बढ़ कर 3.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×